भारत में स्पाइसी खाना खाया जाता है. यहां पर अधिकांश मसालेदार खाद्य पदार्थों में लोग मिर्च का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, कई लोग तो खाना खाने के दौरान अलग से हरी मिर्च का सेवन करते हैं. यही वजह है कि इंडिया में लोग सब्जी के साथ हरी मिर्च भी रोज खरीदते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है, दुनिया की सबसे तीखी मिर्च का नाम क्या है और उसकी खेती कहां पर होती है. आज हम दुनिया की 6 सबसे तीखी मिर्च के बारे में बात करेंगे, जिसे खाना तो दूर छूने से भी लोग डरते हैं.
तीखापन के मामले में भूत जोलकिया का कोई जोड़ नहीं है. इसकी गिनती दुनिया की सबसे तीखी मिर्च में की जाती है. खास बात यह है कि भूत जोलकिया की खेती भारत में ही की जाती है. असम के किसान भूत जोलकिया को उगाते हैं. साल 2007 में भूत जोलकिया को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना गया. इसके लिए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. खास बात यह है कि भूत जोलकिया को असम में लोग यू-मोरोक, लाल नागा और नागा जोलोकिया के नाम से भी जानते हैं. हालांकि, असम के अलावा मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी कुछ जगहों पर किसान इसकी खेती करते हैं.
सामान्य मिर्च के मुकाबले 2000 गुना अधिक तीखी होती है
अगर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के बारे में बात करें, तो दूसरे स्थान पर ड्रेगन्स ब्रेथ का नाम आता है. कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च है. इसकी खेती ब्रिटेन में की जाती है. ड्रेगन्स ब्रेथ में तीखापन का लेवल 2.48 मिलियन स्कॉविल इकाई मापा गया है. यह सामान्य मिर्च के मुकाबले 2000 गुना अधिक तीखी होती है. इस मिर्च का एक छोटा सा हिस्सा पूरे खाने तो स्पाइसी बना देता है. ड्रेगन्स ब्रेथ का उपयोग दवाइयां बनाने में भी किया जाता है.
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दवाओं के रूप में किया जाता है इस्तेमाल
ट्रिनिदाद बच स्कॉर्पियन की गिनती भी दुनिया की सबसे तीखी मिर्च में होती है. इसकी खेती सिर्फ कैरेबियन द्वीप पर की जाती है. इसका स्कॉर्पियन नाम पड़ने के पीछे एक रोकच कहानी है. इस मिर्च में स्कॉरपियन स्टिंगर की तरह एक नुकीला टेल होता है. इसी के चलते इसे ट्रिनिदाद बच स्कॉर्पियन कहा जाता है. वहीं, कैरोलिना रीपर का नाम भी तीखापन के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है. कैरोलिना रीपर का इस्तेमाल मसालों के साथ- साथ दवाओं के रूप में भी किया जाता है.
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