Sugar Export Ban: सरकार ने चीनी एक्सपोर्ट पर क्यों लगाई रोक, जान‍िए इसके बारे में सबकुछ  

Sugar Export Ban: सरकार ने चीनी एक्सपोर्ट पर क्यों लगाई रोक, जान‍िए इसके बारे में सबकुछ  

सरकार ने 2022-23 में लगभग 43 लाख मीट्र‍िक टन चीनी को इथेनॉल बनाने के ल‍िए डाइवर्ट कर दिया है. दावा है क‍ि इससे चीनी आधारित डिस्टिलरी को लगभग 24,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. इससे चीनी उद्योग को समय पर किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान करने में मदद मिलेगी.  

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Sugar Export Ban: सरकार ने चीनी एक्सपोर्ट पर क्यों लगाई रोक, जान‍िए इसके बारे में सबकुछ  चीनी के बढ़ते दाम ने रोका एक्सपोर्ट (Photo-Kisan Tak).

केंद्र सरकार ने कहा है क‍ि चीनी एक्सपोर्ट पर रोक की तारीख 31 अक्टूबर, 2023 से अगले आदेश तक बढ़ा दी गई है. ऐसा 140 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं के हितों को प्राथमिकता देने के ल‍िए क‍िया गया है, ताक‍ि उसे महंगी चीनी न म‍िले. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा क‍ि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी का दाम 12 वर्ष की ऊंचाई पर होने के बावजूद भारत में चीनी विश्व में सबसे सस्ती है. देश में खुदरा चीनी की कीमतों में केवल मामूली बढ़ोतरी हुई है, जो किसानों के लिए गन्ने के एफआरपी में वृद्धि के अनुरूप है. खुदरा चीनी की कीमतों में पिछले 10 वर्षों में औसत महंगाई लगभग 2 प्रतिशत प्रति वर्ष ही रही है. 

चोपड़ा ने कहा क‍ि चीनी निर्यात की यह नीति चीनी आधारित फीडस्टॉक से इथेनॉल उत्पादन के प्रति स्थिरता भी सुनिश्चित करेगी. सरकार ने 2022-23 में लगभग 43 लाख मीट्र‍िक टन चीनी को इथेनॉल की ओर डाइवर्ट कर दिया है. इससे चीनी आधारित डिस्टिलरी को लगभग 24,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. इस राजस्व से चीनी उद्योग को समय पर किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान करने तथा चीनी क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता मिलेगी. हालांक‍ि, खाद्य सच‍िव ने एक्सपोर्ट बैन की जो बड़ी वजह नहीं बताई वो है चुनाव. सरकार नहीं चाहती क‍ि चुनावी सीजन में चीनी की महंगाई बढ़े. क्योंक‍ि ऐसा हुआ तो चुनावी पर‍िणाम कड़वा हो सकता है. 

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गन्ना भुगतान की क्या स्थ‍ित‍ि है?

खाद्य सच‍िव ने बताया क‍ि गन्ने और चीनी को लेकर बनी सरकारी नीतियों से चीनी मिलों ने लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इस प्रकार चीनी सीजन 2022-23 के 95 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान कर द‍िया गया है. जबकि पिछले सीजन के 99.9 प्रतिशत गन्ना बकाया का भुगतान किया गया है. इस प्रकार गन्ने का बकाया अब तक के न्यूनतम स्तर पर है. शेष बकाया राशि को भी जल्द से जल्द चुकाने के प्रयास किए जा रहे हैं. 
 
केंद्र ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पूरे वर्ष उचित मूल्य पर चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अगले आदेश तक चीनी निर्यात पर प्रतिबंध जारी रखा है. सरकार के इस कदम से देश में चीनी का पर्याप्त स्टॉक भी सुनिश्चित होगा और पेट्रोल के साथ एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम के अंतर्गत हरित ईंधन की दिशा में प्रगत‍ि होगी. साथ ही हम एक्सपोर्ट रोक कर उपभोक्ताओं के लिए सस्ती चीनी सुनिश्चित करना चाहते हैं. 

स्टॉक‍ पर है पूरी न‍िगरानी

सरकार घरेलू बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चीनी मिलों के मासिक डिस्पैच की निगरानी भी कर रही है. यही नहीं सभी व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बिग चेन रिटेलर, चीनी प्रोसेसर्स को अपने चीनी स्टॉक की स्थिति की जानकारी पोर्टल पर देने के लिए निर्देश दिया गया है. ताकि सरकार देश भर में चीनी स्टॉक की निगरानी कर सके. इन उपायों का मकसद चीनी क्षेत्र की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने तथा बाजार में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति को सुगम बनाना है. 

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