केंद्र सरकार की ओर देशभर में कपास उपज खरीद के लिए तय नोडल एजेंसी भारतीय कपास निगम (CCI) को किसानों से एमएसपी से नीचे फसल नहीं बेचने की अपील करनी पड़ रही है. इसकी वजह भी सामने आ गई है, दरअसल धीमी कपास खरीद प्रक्रिया के चलते किसान औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं. दक्षिण के राज्यों में फेंगल तूफान के असर के चलते बीते दो दिनों से तमिलनाडु में बारिश हो रही है. जबकि, अन्य राज्यों में मौसम में नमी और ओस का दुष्प्रभाव कटी पड़ी कपास फसल पर पड़ रहा है. ऐसे में किसानों को 1000-1500 रुपये कम कीमत पर कपास को बेचना पड़ रहा है.
भारतीय कपास निगम ने 1 अक्टूबर से 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए कपास की खरीद शुरू की है. हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में धीमी खरीद प्रक्रिया ने किसानों की मुश्किलें बढ़ाई हैं. तमिलनाडु में कपास किसानों ने कई दिनों तक हड़ताल और आंदोलन तक किया है. क्योंकि, उन्हें मिलर्स की ओर से कपास में मानक से अधिक नमी बताकर कम कीमत दी जा रही थी या तो खरीद करने से मना किया जा रहा था.
मध्य प्रदेश ज्वार, बाजरा की सरकारी खरीद में तेजी लाने की वजह से वहां कपास खरीद की प्रक्रिया धीमी है. यही हाल महाराष्ट्र का भी है. किसान बारिश के डर से परेशान हैं तो उन्हें ओस से खेत-खलिहान में पड़ी कटी कपास फसल में नमी बढ़ने का खतरा बना हुआ है. बीते सप्ताह कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर बताया था कि पिछले कुछ दिनों में लगातार बारिश के चलते किसानों की चुनी गई फसल भी नमी से प्रभावित हो गई है. वे अपने घर में कपास स्टोर नहीं कर सकते. किसानों को 3,000 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से कपास बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यह एमएसपी 7121 रुपये से काफी कम है.
केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने भारतीय कपास निगम (CCI) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ललित कुमार गुप्ता से किसानों से कपास का पूरा स्टॉक खरीदने के लिए कदम उठाने को कहा है. डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने कपास नमी की चिंताओं की वजह से कपास के स्टॉक को वापस किए बिना खरीदने के महत्व पर जोर दिया और किसानों के साथ न्याय करने की बात कही. उन्होंने ई-फसल प्रणाली से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
भारतीय कपास निगम ने देशभर के किसानों से कहा है कि उनकी फसल की खरीद की जाएगी. इसलिए वह कम दाम में अपनी फसल न बेचें. निगम की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सभी कपास किसानों से अपील की है कि वे 12 फीसदी तक नमी वाले कपास को एमएसपी से कम पर न बेचें. किसानों की सुविधा के लिए सीसीआई ने देशभर में करीब 500 खरीद केंद्र पहले ही खोल दिए हैं.
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