पंजाब और हरियाणा में इस बार गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है. खास कर पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले और हरियाणा के पानीपत जिले में गेहूं का उत्पादन कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है. कहा जा रहा है कि इन दोनों जिलों में किसानों ने गेहूं की बेहतरीन किस्म डीबीडब्ल्यू 327 की बुवाई की थी. इस किस्म को बंपर पैदावार के लिए जाना जाता है. इसकी औसत उपज 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक, डीबीडब्ल्यू 327 किस्म को आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने विकसित किया है. फतेहगढ़ साहिब और पानीपत जिले में किसानों ने इस बार सबसे अधिक डीबीडब्ल्यू 327 किस्म की ही बुवाई की है. यही वजह है कि इन दोनों जिलों में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गेहूं पैदावार की सूचना है. फतेहगढ़ साहिब स्थित ग्राम चियारथल खुर्द के युवा किसान दविंदर सिंह उर्फ हरजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने पिछले साल 8 नवंबर को बीडब्ल्यू 327 किस्म की बुवाई की थी. उनको प्रति एकड़ 33.70 क्विंटल रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन मिला है. उत्पादन से वे काफी खुश हैं.
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पानीपत के गांव बरौली के किसान सुरेश कुमार ने कहा कि उन्होंने 7 नवंबर 2023 को अपने खेत में बीडब्ल्यू 327 किस्म की बुवाई की थी. इस बार उनको 32.40 क्विंटल प्रति एकड़ उपज मिली है. वहीं, आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने किसानों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्नत फसल की किस्मों को विकसित करने पर जोर दिया है. उनका कहना है कि बढ़ती आबादी को पेट भरने के लिए किसानों को किसी भी फसल की उन्नत किस्मों की ही बुवाई करनी चाहिए. इससे बंपर उत्पादन मिलता है. साथ ही किसानों को मुनाफा अच्छा होता है.
डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि डीबीडब्ल्यू 327 किस्म की सफलता अनुसंधान और विकास, किसानों को सशक्त बनाने और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इसकी खासियत है कि यह जलवायु लचीली है. यानी इसकी ठंड और गर्म प्रदेशनों में बुवाई की जा सकती है. इस किस्म की औसत उपज 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. खास बात यह है कि किसानों ने आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर बीज पोर्टल से गुणवत्तापूर्ण बीज खरीदकर बुवाई की है. खास बात यह है कि खुद आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान सफलता के बारे में बताते हुए उच्चतम उपज की सूचना दी है.
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