Wheat Production: आंकड़ों की बाजीगरी में उलझा गेहूं उत्पादन, क‍िसानों की क‍िसे परवाह?

Wheat Production: आंकड़ों की बाजीगरी में उलझा गेहूं उत्पादन, क‍िसानों की क‍िसे परवाह?

केंद्र सरकार के मुताब‍िक 2022 में 107.7 म‍िल‍ियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था. जबक‍ि, रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक अलग अनुमान जारी करके केंद्र के इस आंकड़े को झुठला द‍िया है. द‍िलचस्प बात यह है क‍ि सरकारी आंकड़ों को खार‍िज करने वालेे अनुमान को सरकार के ही दो वर‍िष्ठ अध‍िकार‍ियों ने र‍िलीज क‍िया.

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Wheat Production: आंकड़ों की बाजीगरी में उलझा गेहूं उत्पादन, क‍िसानों की क‍िसे परवाह? इस साल गेहूं का क‍ितना होगा उत्पादन (Photo-Kisan Tak).

मार्च में हुई बेमौसम बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से कई राज्यों में गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, इससे न स‍िर्फ उत्पादन प्रभाव‍ित होने का अनुमान है बल्क‍ि गुणवत्ता भी खराब हुई है. नई फसल आने से ठीक पहले ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत 33 लाख टन गेहूं बाजार मूल्य के मुकाबले काफी कम दाम पर बेचकर क‍िसानों को एक तरफ सरकारी नीत‍ियों ने मारा तो दूसरी ओर प्रकृत‍ि ने चोट पहुंचाई. अब इसके ब‍िजनेस से जुड़े कुछ लोग उत्पादन के आंकड़ों की बाजीगरी करके दाम को बढ़ने न देने और मौजूदा स्तर से ग‍िराने की कोश‍िश में जुट गए हैं. 

दरअसल, रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 2022-23 के ल‍िए गेहूं उत्पादन का अनुमान जारी क‍िया है. फेडरेशन ने पहली बार अनुमान जारी क‍िया है. सरकारी आंकड़ों से फेडरेशन के आंकड़ों की तुलना करें तो प‍िछले साल के मुकाबले इस रबी सीजन के दौरान गेहूं उत्पादन में करीब पांच म‍िलि‍यन टन की ग‍िरावट द‍िख रही है. क्योंक‍ि फेडरेशन के मुताब‍िक इस साल 102.9 म‍िल‍ियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है. जबक‍ि केंद्र सरकार के मुताब‍िक प‍िछले साल यानी 2021-22 में 107.7 म‍िल‍ियन टन उत्पादन हुआ था.

फेडरेशन ने पहली बार सर्वे करवाया है. पहली बार अनुमान जारी क‍िया है. इसल‍िए इस साल के गेहूं उत्पादन का अनुमान तो ठीक है. लेक‍िन, उसके प‍िछले साल के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं. उसने प‍िछले साल के गेहूं उत्पादन को सरकार के आंकड़ों के मुकाबले बहुत कम द‍िखाया है. हालांक‍ि, उसने खुद कोई सर्वे प‍िछले साल करवाया ही नहीं था. फेडरेशन गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन जारी रखने की भी मांग कर रहा है. जबक‍ि इससे क‍िसानों को नुकसान हो रहा है.  

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आंकड़ों में उलझा गेहूं उत्पादन 

केंद्र सरकार ने जहां बार‍िश से पहले तक 112.182 मिलियन टन तक गेहूं उत्पादन का अनुमान जारी किया था. इसके उलट फेडरेशन ने शुक्रवार को 102.9 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान जारी क‍िया है. हालांक‍ि, इसमें कुछ सच्चाई द‍िख रही है क्योंक‍ि केंद्र ने मार्च की बार‍िश से पहले उत्पादन का अनुमान जारी क‍िया था, जबक‍ि फेडरेशन ने मार्च की बार‍िश के बाद भी आंकड़ा जुटाने का दावा क‍िया है.

लेक‍िन, फेडरेशन प‍िछले वर्ष के गेहूं उत्पादन के आंकड़ों को झुठला रहा है. उसका कहना है क‍ि इस वर्ष 102.9 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन होगा. जबक‍ि प‍िछले साल स‍िर्फ 97.69 म‍िल‍ियन टन ही उत्पादन हुआ था. मतलब साफ है क‍ि गेहूं आटा के कारोबारी यह द‍िखाने की कोश‍िश में जुटे हैं क‍ि इस बार प‍िछले वर्ष के मुकाबले उत्पादन बढ़ गया है. हालांक‍ि, केंद्र सरकार का दावा है क‍ि प‍िछले साल यानी 2022 में 107.7 म‍िल‍ियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था. 

आंकड़ों की इस बाजीगरी से क‍िसे फायदा और क‍िसे नुकसान होगा इसका अंदाजा आप खुद लगाईए. द‍िलचस्प बात यह है क‍ि शुक्रवार को रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के गेहूं उत्पादन संबंधी अनुमान को एफसीआई के एमडी डाॅ अशोक कुमार मीणा और खाद्य, आपूर्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने जारी क‍िया है.  

नौ राज्यों से सैंपल लेने का दावा 

प‍िछले साल लू की वजह से गेहूं का उत्पादन प्रभावि‍त हुआ था. इस बार बेमौसम बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से नुकसान हुआ है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन की तरफ से शुक्रवार को गेहूं उत्पादन के अनुमान की जो र‍िपोर्ट जारी क‍ी गई है, उसको लेकर दावा क‍िया है क‍ि ये र‍िपोर्ट 9 राज्य के 80 जिलों में सैम्पल लेकर बनाई गई हैं, ज‍िसके ल‍िए जनवरी और मार्च में सर्वे क‍िया गया था. हालांक‍ि, इस र‍िपोर्ट में अप्रैल के शुरुआती द‍िनों में हुई बार‍िश से फसलों को हुए नुकसान को नहीं जोड़ा गया है. लेक‍िन, केंद्र और इस न‍िजी संगठन के आंकड़ों में भारी अंतर है. उसे भी वो लोग जारी कर रहे हैं जो सीधे तौर पर गेहूं की खरीद और उसके दाम वाली नीत‍ियों से जुड़ें हुए हैं. 

क‍िसानों को नुकसान पहुंचाने वाली मांग 

बेमौसम बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से गेहूं उत्पादन में आई ग‍िरावट का असर बाजार में द‍िखना तय है. ऐसी संभावनाएं लगाई जा रही हैं क‍ि इस बार भी गेहूं का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधि‍क रह सकता है, ज‍िसके रुझान बाजार में द‍िखाई दे रहे हैं.अभी भी देश में गेहूं का औसत दाम 2500 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल से अध‍िक है. दूसरी तरफ सरकारी खरीद शुरू हुई है. ज‍िसके ल‍िए गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये क्व‍िंटल तय है.फेडरेशन सरकार से यह मांग कर रहा है क‍ि गेहूं एक्सपोर्ट को बैन रखा जाए. जबक‍ि क‍िसान इसके ख‍िलाफ हैं.

फेडरेशन आटा के ल‍िए सस्ता गेहूं चाहता है, ऐसा तभी होगा जब एक्सपोर्ट बैन रहेगा. लेक‍िन बैन जारी रहने से क‍िसानों को नुकसान हो रहा है, क्योंक‍ि भाव नहीं बढ़ रहा है. असल में बीते साल रूस और यूक्रेन युद्ध और लू से उत्पादन में आई कमी के चलते देश में ही गेहूं संकट गहरा गया था. ज‍िसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 मई को गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगा द‍िया था. जबक‍ि जुलाई में आटे के एक्सपोर्ट को बैन कर द‍ि‍या था.

शुक्रवार को फेडरेशन ने द‍िल्ली में गेहूं उत्पादन का अनुमान जारी रखने के ल‍िए कार्यक्रम आयोज‍ित क‍िया था. ज‍िसमें इसके पदाध‍िकार‍ियों ने कहा क‍ि उनके संगठन ने गेहूं को लेकर समय-समय पर सरकार से जो भी मांग की है वो पूरी हुई है. ओपन मार्केट सेल स्कीम लाने की भी उन लोगों ने मांग की थी. इस दौरान वहां खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह और एफसीआई के सीएमडी अशोक कुमार मीणा मौजूद रहे.

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