पंजाब में रिकॉर्ड तोड़ गेहूं की खरीद जारी है. प्रदेश की मंडियों में 9 मई तक 127.61 लाख टन गेहूं की आवक हो चुकी है और यह आंकड़ा पिछले साल की कुल खरीद 125.87 लाख टन को पार कर चुका है. पिछले साल इसी दिन तक कुल आवक 123.20 लाख टन थी. इस बार, राज्य को बंपर फसल की उम्मीद है और कुल उत्पादन 175 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है. वहीं, इस खबर से किसान के साथ-साथ सरकार भी खुश है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन की आवक जो 10 दिन पहले 12 लाख टन से अधिक थी, अब घटकर एक लाख टन से भी कम हो गई है. गुरुवार को राज्य की मंडियों में 93,000 टन गेहूं की आवक हुई. मालवा बेल्ट के जिलों में आवक 5,000 टन से नीचे गिर गई है, जबकि माझा बेल्ट में यह लगभग 10,000 टन है. अब तक 88.39 लाख टन गेहूं उठाया जा चुका है और 38.94 लाख टन उठाना बाकी है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का लक्ष्य 135 लाख टन की खरीद का है, जो उसके मूल लक्ष्य 130 लाख टन से अधिक है.
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खाद्य और नागरिक आपूर्ति निदेशक, पुनीत गोयल ने कहा कि इस बार गेहूं 35.08 लाख हेक्टेयर (86 लाख एकड़) में बोया गया था. देरी से आवक और देर से कटाई के कारण यह खरीद सीजन बहुत छोटा रहा है. यह 18 अप्रैल को शुरू हुआ और 20 दिनों के भीतर, पूरी खरीद लगभग पूरी हो गई है. बफर स्टॉक कम होने के कारण, केंद्र ने पंजाब को 132 लाख टन खरीदने का आदेश दिया है. पंजाब को अधिक भंडारण स्थान और उपभोक्ता राज्यों तक अनाज की तीव्र गति से आपूर्ति की आवश्यकता है.
खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम ताजा खरीदे गए गेहूं के लिए जगह बनाने के लिए उपभोग करने वाले राज्यों में स्टॉक पहुंचा रहे हैं. जगह की कमी को देखते हुए, भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को खुले में गेहूं का भंडारण करने की अनुमति दी है, जिसे कवर्ड एरिया प्लिंथ (CAP) के रूप में जाना जाता है.
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