हरियाणा के साथ-साथ पंजाब में भी 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. लेकिन यहां भी मंडी में खरीद के लिए गेहूं का एक भी दाना एक अप्रैल को नहीं पहुंचा. कहा जा रहा है कि इस साल लंबे समय तक अच्छी सर्दी पड़ी है. इसके चलते गेहूं की फसल अभी नहीं पकी है. वहीं, हाल ही में हुई बारिश की वजह से गेहूं की फसल में नमी आ गई है. जब तक फसल पूरी तरह से सूख नहीं जाती है, उसकी कटाई नहीं की जा सकती. ऐसे में क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक शुरू होने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मौसम अनुकूल रहा तो फसल अगले सप्ताह तक कटाई के लिए तैयार हो जाएगीऔर 15-25 दिनों के अंदर सीजन खत्म हो जाएगा. खास बात यह है कि लुधियाना स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में भी खरीद के लिए गेहूं का एक भी दाना पहले दिन नहीं आया है. कमीशन एजेंटों ने कहा कि उन्हें अगले सप्ताह से पहले आवक की उम्मीद नहीं है. इस साल सरकार की योजना 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की है. इस वर्ष गेहूं उत्पादन का क्षेत्रफल 35 लाख हेक्टेयर है और सरकार 161.31 एलएमटी गेहूं उत्पादन की उम्मीद कर रही है.
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सरकार को गेहूं खरीद के लिए 27,077.91 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट की पहली किस्त मिल चुकी है. इस बीच, साइलो को खुले बाजार यार्ड के रूप में घोषित करने पर राजनीतिक गरमाहट बढ़ती दिख रही है और आढ़ती अपना कमीशन जारी रखने के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं, भले ही किसान सीधे साइलो में गेहूं ले जाएं. आढ़ती एसोसिएशन, खन्ना के अध्यक्ष हरबंस रोशा ने कहा कि सभी खाद्यान्न की बिक्री केवल उनके माध्यम से होनी चाहिए. इसके लिए उन्होंने सरकार से आश्वासन मांगा है.
वहीं, कुछ देर पहले ही खबर सामने आई थी कि हरियाणा के करनाल जिले में किसी भी क्रय केंद्र पर एक भी ट्रॉली गेहूं की आवक नहीं हुई.कल की तरह आज भी पूरे जिले में गेहूं की खरीद नहीं हो पाई. दरअसल, करनाल जिले में एकाध जगह को छोड़कर अभी तक गेहूं की कटाई शुरू नहीं हुई है, क्योंकि अभी गेहूं की फसल को पकने में 10 से 15 दिनों का समय लग सकता हैं. किसानों की माने तो इस बार ज्यादा दिन ठंड पड़ी है. अभी भी रात और सुबह के समय में नमी बनी हुई है.
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