देश में इस समय तक 202 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं एमएसपी पर खरीदा जा चुका है. यानी लक्ष्य का आधा से अधिक गेहूं खरीद लिया गया है. अब तक 10,36,015 किसान इसकी एमएसपी का फायदा उठा चुके हैं. इस साल सरकार सेंट्रल पूल के लिए गेहूं बेचने वाले किसानों को 2275 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दे रही है. रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 में केंद्र ने 372.9 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा हुआ है. पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में जिस रफ्तार से किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने आ रहे हैं, सरकार को उम्मीद है कि इस साल लक्ष्य आसानी से हासिल हो जाएगा.
इस बीच ऐसा अनुमान है कि पंजाब-हरियाणा में गेहूं की खरीद सबसे पहले खत्म होगी. दोनों राज्य अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब पहुंच चुके हैं. हरियाणा में 60 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 80 लाख टन का है. यहां पर 15 मई की शाम खरीद प्रक्रिया बंद कर दी जाएगी. यानी अभी किसान 13 दिन और अपनी उपज बेच सकते हैं.
इसे भी पढ़ें: प्याज एक्सपोर्ट पर उलझी महाराष्ट्र की सियासत, डैमेज कंट्रोल के लिए केंद्र कर सकता है बड़ा फैसला
दूसरी ओर पंजाब में 95 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जबकि यहां 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 31 मई तक खरीद प्रक्रिया चलेगी. यानी अभी लगभग एक महीने तक राज्य के किसान अपनी उपज बेच सकते हैं. हालांकि खरीद की रफ्तार को देखते हुए ऐसा अनुमान है कि समय से पहले ही लक्ष्य हासिल हो जाएगा.
मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद 15 मार्च से चल रही है. लेकिन यहां पर अभी तक 37,31,007 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा गया है. अप्रैल की शुरुआत में गेहूं खरीदने के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे था, लेकिन उसके बाद यह प्रक्रिया सुस्त पड़ गई है. राज्य को सेंट्रल पूल के लिए 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया है. राज्य में 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने के बावजूद कम खरीद होना चौंका रहा है.
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है. राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य दिया गया है. जबकि अब तक महज 5,96,987 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. इसी तरह राजस्थान में 20 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले मात्र 4,51,359 मीट्रिक टन ही खरीद हो सकती है. जबकि राजस्थान में भी राज्य सरकार अपनी ओर से 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है.
इसे भी पढ़ें: सरसों, सोयाबीन की MSP के लिए तरसे किसान, तिलहन तिरस्कार का है इंटरनेशनल कनेक्शन!
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today