गेहूं की सरकारी खरीद अब तेज हो गई है. अब तक करीब 7 मिलियन टन यानी लगभग 70 लाख टन की खरीद हो चुकी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदने के मामले में अब तक सबसे आगे रहे मध्य प्रदेश को अब हरियाणा ने पीछे छोड़ दिया है. हरियाणा 31,25,635 मीट्रिक टन गेहूं खरीद चुका है जबकि मध्य प्रदेश में 24 लाख 29,000 मीट्रिक टन की खरीद हुई है. पंजाब जहां पर सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद का टारगेट दिया गया है वह इस मामले में अभी बहुत पीछे है. वहां पर अब तक सिर्फ 7,86,700 मीट्रिक टन ही गेहूं खरीदा गया है. पंजाब इस साल खरीद मामले में काफी सुस्त है.
दूसरी ओर देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में अब तक सिर्फ 3,24,000 मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा होने की वजह से लोग सरकारी खरीद केंद्रों पर किसान गेहूं बेचने से परहेज कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश को 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य मिला है. ऐसे में यह अभी भी लक्ष्य से बहुत पीछे है.
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केंद्र सरकार पर इस साल ज्यादा से ज्यादा गेहूं खरीदने का दबाव है, क्योंकि बफर स्टॉक में गेहूं 16 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. लेकिन पिछले 2 साल से सरकार गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही है, क्योंकि ओपन मार्केट में इसका दाम एमएसपी से ज्यादा रह रहा था. इस साल भी गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा चल रहा है, इसलिए बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार अपना खरीद का लक्ष्य पूरा कर पाएगी. सरकार ने 37.29 मिलियन टन (372.9 लाख टन) गेहूं खरीदने का टारगेट रखा है.
बिहार में अब तक सिर्फ 3310 मीट्रिक टन गेहूं खरीद गया है, झबकी सरकार ने 2 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया है. उत्तराखंड में 102 टन की खरीद हुई है, जबकि 50 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य है. राजस्थान में 20 लाख टन का लक्ष्य है, जबकि अब तक महज 1 लाख 34 हजार मीट्रिक टन की ही खरीद हो सकी है. हिमाचल प्रदेश में सिर्फ 193 मीट्रिक टन की खरीद हो पाई है. फिलहाल, सरकार को उम्मीद है कि इस साल कई राज्य अपने खरीद लक्ष्य को पूरा करेंगे. पिछले साल एक भी राज्य अपने तय टारगेट जितना गेहूं नहीं खरीद पाया था.
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