Wheat Prices: गेहूं के जमाखोरों पर केंद्र सरकार का एक और प्रहार, क्या अब कम होगा दाम?  

Wheat Prices: गेहूं के जमाखोरों पर केंद्र सरकार का एक और प्रहार, क्या अब कम होगा दाम?  

केंद्र सरकार ने घटाई गेहूं की स्टॉक ल‍िम‍िट. तय सीमा से ज्यादा भंडार रखने वालों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई. इसके व्यापार‍ियों और व‍िक्रेताओं को हर शुक्रवार सरकार को बताना होगा स्टॉक का ब्यौरा. गेहूं की बनावटी कमी पैदा करने वालों पर नजर. जान‍िए क‍ितना है गेहूं-आटा का भाव. 

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Wheat Prices: गेहूं के जमाखोरों पर केंद्र सरकार का एक और प्रहार, क्या अब कम होगा दाम?  क्यों कम नहीं हो रहा गेहूं का दाम (Photo-Kisan Tak).

गेहूं का एक्सपोर्ट मई 2022 से ही बैन है. इस बार प‍िछले साल से 50 लाख मीट्र‍िक टन अध‍िक उत्पादन का दावा क‍िया जा रहा है और इसी वर्ष तीसरी बार ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत म‍िलर्स को र‍ियायती दाम पर गेहूं बेचा जा रहा है इसके बावजूद दाम कम होने की बजाया बढ़ रहा है. ऐसे में अब सरकार को लग रहा है क‍ि कुछ लोग देश में गेहूं की बनावटी कमी पैदा कर रहे हैं. सरकार को यह शक हो रहा है क‍ि कहीं न कहीं यह काम व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं का है. ऐसे में अब इन पर नकेल कसने की तैयारी हो गई है. ज‍िसके तहत अब गेहूं की भंडार सीमा यानी स्टॉक ल‍िम‍िट को लेकर सरकार ने सख्ती बरतने का फैसला ल‍िया है और गेहूं रखने की मात्रा में भारी कटौती कर दी है. 

खाद्य सुरक्षा का मैनेजमेंट करने, जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गेहूं की स्टॉक ल‍िम‍िट को सरकार ने र‍िवाज्ड कर द‍िया है. यह ल‍िम‍िट व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े चेन र‍िटेलर्स और मिलों पर लागू होगी. दरअसल, तमाम प्रयासों के बावजूद गेहूं और आटे के दाम में कमी न होते देख यह अहम फैसला ल‍िया गया है. यह चुनावी समय है ऐसे में सरकार चाहती है क‍ि महंगाई मुद्दा न बने. ऐसे में वो दाम कम रखने की कोश‍िश में जुटी हुई है. लेक‍िन उसके प्रयासों के बावजूद दाम में बढ़ोतरी का रुझान द‍िखाई दे रहा है. 

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अब क‍ितना रख सकेंगे स्टॉक 

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया क‍ि व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं के लिए पहले से लगी स्टॉक ल‍िम‍िट 3000 मीट्रिक टन को घटाकर अब 2000 मीट्रिक टन कर द‍िया है. जबक‍ि बड़े र‍िटेल चेन के खुदरा विक्रेताओं के हर आउटलेट के लिए 10 मीट्रिक टन और उनके सभी डिपो पर 2000 मीट्रिक टन की ल‍िम‍िट कर दी गई है. अन्य श्रेणियों के लिए स्टॉक ल‍िम‍िट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. गेहूं के दाम में काबू पाने के ल‍िए केंद्र ने सबसे पहले 12 जून को स्टॉक ल‍िम‍िट लगाई थी. उसे कम कर द‍िया गया है लेक‍िन यह पहले की तरह 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी. देखना है क‍ि इस फैसले के बाद गेहूं का दाम कम होता है या नहीं? 

हर शुक्रवार देनी होगी जानकारी

गेहूं के भंडारण वाली सभी संस्थाओं को गेहूं भंडार सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रज‍िस्ट्रेशन करना होगा. संस्थाओं को हर शुक्रवार को इस पोर्टल पर भंडार की स्थिति अपडेट करना जरूरी है. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर रज‍िस्टर्ड नहीं पाई गई या भंडरण सीमा का उल्लंघन करती है, तो उसके ख‍िलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

नए स्टॉक ल‍िम‍िट के ल‍िए समय

अगर संस्थाओं द्वारा रखे गए भंडार निर्धारित सीमा से अधिक हैं, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित भंडारण की सीमा में लाना होगा. केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन भंडारण सीमाओं के कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी पैदा न हो. सरकार ने कहा है क‍ि वो गेहूं के दाम को कंट्रोल में करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के भंडार की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है. 

गेहूं और आटे का भाव क‍ितना है?

उपभोक्ता मामले व‍िभाग के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के मुताब‍िक 14 स‍ितंबर को देश में गेहूं का औसत दाम 29.91 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा, जबक‍ि अध‍िकतम भाव 51 रुपये तक पहुंच गया. न्यूनतम भाव 21 रुपये क‍िलो रहा. इसी तरह आटा का औसत दाम 35.24 और अध‍िकतम 70 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा. आटा का न्यूनतम दाम 26 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा. इस महंगाई ने न स‍िर्फ जनता बल्क‍ि सरकार को भी परेशान कर रखा है. दाम का यह हाल तो तब है क‍ि जब म‍िलर्स को मार्केट से सस्ते दाम पर गेहूं बेचा जा रहा है. सवाल यही है क‍ि जब उन्हें मार्केट से काफी सस्ते दाम पर गेहूं द‍िया जा रहा है तो जनता को सस्ता आटा क्यों नहीं म‍िल रहा?

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