कपास बेचने में किसानों को परेशानी, CCI बना विलेनतेलंगाना में भारतीय कपास निगम (CCI) ने कपास में नमी की मात्रा अधिक होने का हवाला दिया है. इससे कपास किसान अपनी उपज में परेशानी झेल रहे हैं. यहां तक कि सीसीआई ने नमी का हवाला देकर किसानों से कपास खरीदने से इनकार कर दिया है. इससे किसान परेशान होकर निजी व्यापारियों को अपनी कपास की उपज बेचने को मजबूर हो रहे हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.
CCI ने किसानों से कपास की खरीद पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. उदाहरण के लिए, वह 12 प्रतिशत से अधिक नमी वाले कपास की खरीद नहीं कर रहा है. ये प्रतिबंध व्यापारियों के लिए वरदान और किसानों के लिए अभिशाप बन गए हैं. व्यापारियों ने कपास खरीदने के लिए नेशनल हाईवे और महत्वपूर्ण चौराहों पर अस्थायी केंद्र बनाए हैं, लेकिन खरीद न के बराबर हो रही है.
किसानों ने आरोप लगाया कि व्यापारी सरकार की ओर से निर्धारित 8,110 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से कम से कम 1,000 रुपये कम की पेशकश कर रहे हैं, जबकि CCI ने नमी की मात्रा का हवाला देकर कपास खरीदने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि व्यापारियों को कपास बेचकर उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और उन्होंने अधिकारियों से निजी खरीदारों के हाथों धोखाधड़ी को रोकने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया.
किसानों ने आगे कहा कि प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों और बेमौसम बारिश के कारण उनकी उपज में पहले ही गिरावट देखी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि उनके पास व्यापारियों को कपास बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और वे सीसीआई की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से परेशान हैं. उन्होंने लगातार तीसरे साल फसल की खेती में हुए भारी नुकसान के लिए मुआवजे की भी मांग की.
अधिकारियों ने बताया कि इस कपास सीजन में आदिलाबाद, कुमराम भीम आसिफाबाद, निर्मल और मंचेरियल जिलों में 10 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में व्यावसायिक फसल कपास की खेती की गई. आदिलाबाद जिले में 4.25 लाख एकड़ में इसकी खेती की गई, जबकि कुमराम भीम आसिफाबाद जिले में 3.35 लाख एकड़ में इसकी खेती हुई. मंचेरियल और निर्मल जिलों में क्रमशः 1.61 लाख एकड़ और 1.40 लाख एकड़ में खेती हुई.
अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि पहले के आदिलाबाद जिले में 84 लाख क्विंटल कपास की उपज दर्ज की जाएगी. अकेले आदिलाबाद जिले में 34 लाख क्विंटल कपास की पैदावार होने की उम्मीद है, इसके बाद कुमराम भीम आसिफाबाद में 26 लाख क्विंटल कपास की पैदावार होने की उम्मीद है. जिला प्रशासन ने कपास उपज बेचने के लिए कपास किसान एप्लीकेशन पर स्लॉट बुक करने में किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 599 5779 और व्हाट्सएप नंबर 88972 81111 शुरू किया है.
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