सरकारी लापरवाही से हुआ बड़ा धान घोटाला (सांकेतिक फोटो)हरियाणा में धान खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है. हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा कांफैड के पूर्व अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने मंडियों का दौरा करने के बाद कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए का धान खरीद में घोटाला हुआ है. साल 2024 में हरियाणा में सरकारी धान की खरीद 53 लाख 98 हजार मैट्रिक टन हुई थी. लेकिन इस साल लगभग 14 लाख 74 हजार एकड़ जमीन में बारिश और बाढ़ के कारण धान खराब हो गया. बावजूद इसके, इस साल धान की सरकारी खरीद लगभग 62 लाख 7 हजार मैट्रिक टन हो चुकी है.
सरकार ने इस साल धान खरीद का लक्ष्य 54 लाख मैट्रिक टन रखा था. इस आकड़ों से साफ है कि सरकारी खरीद में काफी बढ़ोतरी हुई, जिससे घोटाले की आशंका और बढ़ गई.
बजरंग गर्ग के अनुसार, सरकारी खरीद एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने धान खरीद में बहुत बड़ा घोटाला किया है. उन्होंने बताया कि सरकार के चहेतों ने बाहरी राज्यों से धान 1500-1600 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा और हरियाणा सरकार को 2389 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी में बेचकर करोड़ों का नुकसान किया.
बजरंग गर्ग ने कहा कि धान घोटाले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जानी चाहिए. घोटाला करने वाले भ्रष्ट अधिकारियों से रकम वसूलने के साथ-साथ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
धान की एमएसपी 2389 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन सरकारी एजेंसियों ने धान की खरीद 1700 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल तक की. इसका सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ा और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा.
बजरंग गर्ग ने यह भी याद दिलाया कि पहले भी हरियाणा में धान, बाजरा, सरसों और गेहूं में घोटाले हो चुके हैं. एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी करोड़ों रुपए का नुकसान करने वाले अब तक पकड़े नहीं गए हैं. किसानों के हक के लिए यह जरूरी है कि सरकार धान खरीद में पारदर्शिता लाए, भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और किसानों को उनके सही दाम और नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करे.
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