बीते दिनों महाराष्ट्र के कई जिलों में भयंकर गर्मी का प्रकोप जारी रहा. इसमें सबसे अधिक तापमान अकोला जिले में दर्ज किया गया. इस जिले में मार्च के अंतिम सप्ताह में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. लेकिन मार्च महीने के अंतिम दिन मौसम ने अचानक करवट ली. दिनभर तेज धूप के बाद शाम को अचानक तेज हवाओं के साथ बादल घिर आए. इसके बाद बिजली कड़की और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. इस मौसम में बदलाव से जहां लोगों को असुविधा हुई, वहीं, किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
अकोला जिले के बोरगांव मंजू, निपाणा सहित कई इलाकों में बीते सोमवार आई तेज आंधी और बारिश ने फसलों को तहस-नहस कर दिया है. खासतौर पर आम उत्पादक किसानों को इस प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा. इसके अलावा, रबी सीजन की गेहूं की फसल, जो खेतों में कटाई के बाद पड़ी थी, बारिश के चलते भीग गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
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बोरगांव मंजू क्षेत्र के किसान महादेव जायले के आम के बागों को भारी नुकसान हुआ. तेज़ हवाओं की वजह से प्रत्येक पेड़ से औसतन 15 से 20 किलो आम गिर गए हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है. इसके अलावा, ज्वार की फसल को भी नुकसान पहुंचा है, जबकि कई किसानों की पपीता फसल भी आंधी के कारण प्रभावित हुई है.
इन गांवों के किसानों का कहना है कि लगातार बदलते मौसम के कारण वे पहले से ही चिंता में थे. वहीं, अब इस अचानक आई आंधी-तूफान ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है. आम की फसल को शुरुआती नुकसान होने से किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. वहीं, इसकी क्वालिटी पर भी प्रभाव पड़ेगा. वहीं, इस नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द नुकसान का सर्वेक्षण कर उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए. हालांकि, प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन किसानों को उम्मीद है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा राहत दी जाएगी.
गौरतलब है कि विदर्भ के कई हिस्सों में मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक तेज़ हवाओं और हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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