अप्रैल में खेती के लिए बेस्ट है इस सब्जी की स्वर्णा शीतल किस्म, मात्र 40 दिनों में हो जाएगी तैयार

अप्रैल में खेती के लिए बेस्ट है इस सब्जी की स्वर्णा शीतल किस्म, मात्र 40 दिनों में हो जाएगी तैयार

गर्मी के मौसम में तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी के बीच शरीर को काफी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. ऐसे में गर्मी के सीजन में रसदार फल और सब्जियों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. ऐसी ही एक सब्जी की किस्म है स्वर्णा शीतल जिसकी खेती करके किसान बंपर कमाई कर सकते हैं.

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अप्रैल में खेती के लिए बेस्ट है इस सब्जी की स्वर्णा शीतल किस्म, मात्र 40 दिनों में हो जाएगी तैयारस्वर्णा शीतल किस्म

गर्मी के मौसम में तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी के बीच शरीर को काफी मात्रा में पानी की जरूरत होती है. ऐसे में गर्मी के सीजन में रसदार फल और सब्जियों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. साथ ही कई किस्में हैं जो सब्जियों की खासियत को बढ़ा देती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस सब्जी की किस्म है 'स्वर्णा शीतल'. आपको बता दें कि यह गर्मी के दिनों में मिलने वाले खीरे की किस्म है. इसमें 80 प्रतिशत तक पानी पाया जाता है. खीरों की डिमांड साल भर रहती है. डिमांड को देखते हुए खीरे की खेती करना किसानों के लिए मुनाफे वाला सौदा साबित हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं स्वर्णा शीतल किस्म की खासियत.

खीरे की पांच उन्नत किस्में

स्वर्णा शीतल- इस किस्म के फल का आकार मध्यम होता है. वहीं, बात करें इस किस्म की खासियत की तो इसमें चूर्णी फफूंदी और श्याम वर्ण रोग नहीं लगते हैं. वहीं, ये किस्म 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाती है. गर्मी के दिनों में इस किस्म की बुवाई अप्रैल के महीने में की जाती है. साथ ही इस किस्म की खेती से किसानों को एक हेक्टेयर जमीन में 290 से 300 क्विंटल तक उपज मिल सकती है.

स्वर्ण अगेती- खीरे की खेती के लिए ये प्रजाति सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके पौधों में 40 से 45 दिनों के भीतर ही फल आने शुरू हो जाते हैं. वहीं, इस वैरायटी के एक पौधे से लगभग तीन से चार किलो तक फल मिलते हैं. यह जल्दी तैयार होने वाली किस्म है, जो किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है.

पंत संकर- यह खीरे की एक संकर किस्म है. इसके फल मध्यम आकार के होते हैं. इसके फलों की लंबाई 20 सेंटीमीटर की होती है और इसका रंग हरा होता है. यह किस्म बुवाई के करीब 50 दिन बाद ही तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. खीरे की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 300 से 350 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है.

स्वर्ण पूर्णिमा- इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म के फल लंबे, सीधे, हल्के हरे और ठोस होते हैं. खीरे की यह किस्म मध्यम अवधि में तैयार हो जाती है. इसकी बुवाई के करीब 40 से 50 दिन में इसके फल तैयार हो जाते हैं. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 200 से 225 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है.

पूसा संयोग- यह खीरे की एक हाइब्रिड किस्म है. इसके फल करीब 22 से 30 सेंटीमीटर लंबे होते हैं. इसका रंग हरा होता है. इसमें पीले कांटे भी पाए जाते हैं. इनका गूदा कुरकुरा होता है. खीरे की यह किस्म करीब 50 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती से प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है.

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