उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों ने सरकार के सामने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि उसे भी समझ नहीं आ रहा है कि इससे कैसे निपटा जाए. दरअसल भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) ने सरकार से मांग की है कि गन्ने का खरीद मूल्य प्रति क्विंटल 600 रुपये तक बढ़ाया जाए. बुधवार को ब्लॉक परिसर में संगठन कीहर महीने होने वाली एक मीटिंग में इस मांग को दोहराया गया है. मीटिंग में किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई.
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी रणवीर सिंह ने सरकार से गन्ने का समर्थन मूल्य 600 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रही बिजली कटौती पर भी गहरी चिंता जताई है. मीटिंग के दौरान बाकी सदस्यों ने भी तहसील स्तर पर जमीन के रिकॉर्ड्स में अंश निर्धारण प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस वजह से किसानों के पास निराश होकर बार-बार तहसील जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
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किसानों ने आजमपुर ग्राम पंचायत में भूमि चकबंदी प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से पूरा करने की मांग की है. साथ ही कहा है कि चीनी मिल से बकाया गन्ना मूल्य का तुरंत भुगतान किया जाए. मीटिंग में यूनियन प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए मौजूद एसडीएम चंद्रकांता ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनकी चिंताओं को जल्द से जल्द सुलझाया जाएगा.
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इस साल की शुरुआत में यूपी सरकार ने गन्ने की कीमतों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी. उस समय कहा गया था कि यह कदम आम चुनाव से पहले राज्य के गन्ना किसानों के प्रभावशाली मतदाताओं को फायदा पहुंचाने वाला है. साल 2023-24 का पेराई सत्र अक्टूबर में शुरू होने वाला है लेकिन उससे पहले सरकार ने राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) निर्धारित कर दिया. इसमें गन्ने की जल्दी पकने वाली किस्म का मूल्य 350 रुपये से बढ़ाकर 370 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया. जबकि सामान्य किस्मों का मूल्य 360 रुपये प्रति क्विंटल और अनुपयुक्त किस्मों की कीमत 355 रुपये प्रति क्विंटल तक कर दी गई थीं.
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इस साल मई में आई एक रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि यूपी में गन्ना किसानों को चालू पेराई सत्र 2023-24 में करीब 30,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चीनी मिलों की तरफ से किया गया भुगतान चालू सीजन के लिए देय कुल गन्ना सप्लाई का 82 प्रतिशत से ज्यादा है. यूपी में 121 चालू मिलें, जिनकी कुल गन्ना पेराई क्षमता 0.84 मिलियन टन (एमटी) प्रति दिन है, ने मई 2024 तक 98 मीट्रिक टन नकदी फसल की पेराई की थी. इससे 10.33 मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ.
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