देश के बड़े गन्ना उत्पादक राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश किसानों के भुगतान के लिए एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म का इस्तेमाल कर रहा है. इस मैकेनिज्म के जरिए गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आई है. सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि बीते 7 साल में 46 लाख से अधिक गन्ना किसानों की रकम भुगतान की गई है. यूपी में गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 370 रुपये प्रति क्विंटल है.
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार गन्ना कृषकों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय से देने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म प्रारंभ किया गया है. बता दें कि एस्क्रो अकाउंट मैकेनिज्म एक वित्तीय व्यवस्था होती है, जिसमें तीसरा पक्ष किसी लेनदेन में शामिल दो पक्षों के लिए राशि की पेमेंट रखता है. एस्क्रो अकाउंट लेनदेन की प्रक्रिया के दौरान एसेट्स के लिए सुरक्षित जगह होता है.
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2017 से अब तक यानी करीब 7 साल में 46 लाख गन्ना किसानों को 2.73 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड भुगतान किया जा चुका है. बताया गया कि यह भुगतान राशि साल 2017 से पहले के 22 साल में किए गए भुगतान की कुल रकम 59,143 करोड़ से काफी अधिक है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया है. किसानों को पिछले साल के बराबर ही गन्ना मूल्य मिलेगा. राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य 370 रुपए यथावत रखा है. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से चीनी सीजन 2024-25 के लिए 10.25 फीसदी की चीनी रिकवरी दर पर गन्ने की एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है और यह 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग 8 फीसदी अधिक है. बता दें राज्य सरकारें अपनी तरफ से समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी भी करती हैं.
निजी चीनी मिलों के शीर्ष उद्योग निकाय ISMA के अनुसार उत्तर प्रदेश में पेराई दर पिछले वर्ष की तुलना में अब तक बेहतर बनी हुई है. वर्तमान में राज्य भर में गन्ने में सुक्रोज फीसदी में भी सुधार हो रहा है और यह पिछले सीजन की इसी अवधि के बराबर स्तर पर पहुंच गया है. नतीजतन, इस सीजन के अंत तक पहली छमाही के दौरान देखी गई कम चीनी रिकवरी की भरपाई होने की उम्मीद है. 15 फरवरी तक राज्य में 64.04 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 2 लाख टन कम है.
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