राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश ने भारी तबाही मचाई है. दोनों राज्यों में कई फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं. राजस्थान के अलवर जिले में शुक्रवार दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट बदली और तेज हवाओं के साथ ओलों की जबरदस्त बारिश हुई. ओलावृष्टि की वजह से अलवर जिले के नारायणपुर, थानागाजी, अकबरपुर और मालाखेड़ा इलाके के 50 से अधिक गांव में और सरिस्का के जंगल में भारी तबाही हुई है. उधर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में तेज हवाओं के साथ बरसात हुई. इसके चलते खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. इस बेमौसम बरसात से गेहूं ही नहीं बल्कि तकरीबन सभी फसलों को नुकसान है.
राजस्थान के अरवल के नारायणपुर क्षेत्र में करीब 20 मिनट से अधिक ओलावृष्टि हुई जिससे गेहूं की फसल पूर्णतया बर्बाद हो गई. गेहूं की फसल सौ फीसद बर्बाद हो गई है. गेहूं की बालियों में दाने नहीं बचे हैं और गेहूं के दाने जमींदोज हो गए हैं. किसानों को इससे खाद्यान्न का संकट पैदा हो गया है. वहीं ओलावृष्टि की वजह से पक्षियों की भी बड़ी संख्या में मौत हुई है. किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि की वजह से खेतों में खड़ी सरसों की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो गई है. अब सरसों में केवल चारा ही बचा है. क्षेत्र में करीब 20 मिनट से अधिक ओलावृष्टि हुई है.
किसान जयकिशन ने बताया कि माधवगढ़ गांव में ओलावृष्टि होने से 80 से 100 फ़ीसद नुकसान हुआ है. किसानों के फसली नुकसान के तौर पर सरकार को अधिक से अधिक मुआवजा देना चाहिए. किसान राहुल ने बताया कि करीब 30 मिनट तक ओलावृष्टि हुई है जिसकी वजह से फसल बर्बाद हो गई है. अब मुआवजे के लिए सरकार से आस लगी है.
ये भी पढ़ें: लगातार सिमट रहा रबर की खेती का दायरा, अब इन राज्यों में पैदावार बढ़ाने की तैयारी
दूसरी ओर, मुजफ्फरनगर जनपद के मौसम अधिकारी पान सिंह ने बताया कि मार्च में लगभग 80 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. बारिश के साथ तेज हवा और ओलावृष्टि होने से नुकसान और अधिक बढ़ गया है. ओले गिरने से आम को भी भारी नुकसान हुआ है और बौर गिरने के साथ अमिया भी गिर गई है. गेहूं पके खड़े हैं, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने उसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. यही हाल सरसों का है जहां खलिहान में रखी सरसों पूरी तरह से चौपट हो गई है. जिन खेतों में सरसों की कटनी नहीं हुई है, अब उसके सड़ने का खतरा पैदा हो गया है. बारिश ने इस सीजन की सभी फसलों को चौपट कर दिया है.
किसान प्रीतम सिंह की मानें तो हालिया बारिश से गेहूं की फसल खेतों में गिर गई है. पहले बारिश हुई थी उसमें भी काफी नुकसान था. इस बार भी काफी नुकसान है. गन्ना भी गिर गया और उसके खराब होने का खतरा पैदा हो गया है. बारिश और ओलावृष्टि के साथ हवा बहुत तेज थी. आंधी-तूफान चला था जिसने सभी फसलों को तबाह करके रख दिया. गेहूं की फसल पांच से 10 दिन में तैयार होनी थी. लेकिन अब उसकी संभावना खत्म हो गई है.
राजस्थान में सीकर जिला मुख्यालय सहित आसपास के इलाकों में सुबह से बादलों की आवाजाही के बाद दोपहर को अचानक मौसम परिवर्तन हुआ और बूंदाबांदी शुरू हो गई. आधे घंटे की बूंदाबांदी के बाद तेज बारिश का दौर शुरू हुआ जो करीब एक घंटे तक लगातार जारी रहा. तेज बारिश के कारण शहर की अधिकतर सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं. खेतों में खड़ी फसलों को इस बारिश ने बहुत नुकसान पहुंचाया है.
राजस्थान और यूपी के अलावा बारिश ने महाराष्ट्र में भी तबाही मचाई है. महाराष्ट्र के अकोला में अचानक शाम को तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई. इस बारिश के कारण कई जगह पेड़ धराशाई हुए तो पातूर कृषि मंडी में किसानों की चने की उपज भीग गई. किसानों ने उस पर तरपाल डालने की कोशिश की, लेकिन अचानक बदले मौसम ने किसानों का काफी नुकसान पहुंचाया है.
ये भी पढ़ें: भारत के काबुली चने की पूरी दुनिया में धूम, सालभर में दोगुना तक बढ़ा निर्यात
महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रानी तहसील के मेलघाट इलाके में दोपहर अचानक मौसम ने करवट ली. तूफानी हवा के साथ जोरदार बारिश हुई और कुछ जगह पर ओले गिरने की भी जानकारी है. इस तूफानी हवा के कारण कई बड़े-बड़े पेड़ गिर गए. तूफानी हवा के कारण कई घरों में टीन की छत हवा में उड़ गई. कुछ दिनों बाद खेत से गेहूं की फसल घर में आने वाली थी, उसका भी नुकसान हुआ है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today