आने वाले दिनों में हल्दी आम जनता के किचन का बजट बिगाड़ सकती है. कहा जा रहा है कि इसकी कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि इस साल इसके रकबे में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, जानकारों का कहना है कि ऐसे भी पिछले एक साल के अंदर हल्दी की रिटेल कीमत में करीब 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अगर कीमत में और बढ़ोतरी होती है, तो महंगाई सातवे आसमान पर पहुंच जाएगी.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्रीवॉच के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, बिप्लब सरमा ने कहा कि इस साल हल्दी के उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है. इसलिए कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट अनु वीपई का कहना है कि एनसीडीईएक्स पर हल्दी की कीमतें 2023 में 70 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हैं. इस खरीफ सीजन में बुआई में देरी, अनियमित मानसून और उपज को लेकर चिंता के कारण मजबूत निर्यात मांग के बीच हल्दी की कीमतें बढ़ रही हैं.
इरोड स्थित अमर अग्रवाल फूड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अंकित अग्रवाल ने कहा कि इस साल इरोड बाजार में उत्पादन पिछले साल का 65-70 फीसदी रहने का अनुमान है. हमने सुना है कि निज़ामाबाद में भी उत्पादन 20-25 प्रतिशत कम है. इससे कीमतों में और इजाफा होगा. उनकी माने तो इरोड कृषि उपज विपणन समिति यार्ड में, फिंगर किस्म की हल्दी का मॉडल मूल्य वर्तमान में 11,504 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि एक साल पहले यह 6,384 रुपये प्रति क्विंटल था. एनसीडीईएक्स के अनुसार, तेलंगाना के निज़ामाबाद में पॉलिश हल्दी की हाजिर कीमतें 13,943 रुपये प्रति क्विंटल हैं. वायदा बाजार में, अप्रैल अनुबंध बुधवार को 15,540 रुपये प्रति क्विंटल पर समाप्त हुआ.
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इरोड हल्दी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरकेवी रविशंकर ने कहा कि हल्दी की कीमतें केवल वायदा बाजार में 15,000 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर हैं. हाजिर बाजार में कीमतें 12,500 और 14,000 रुपये प्रति क्विंटलके बीच मंडरा रही हैं. पई ने कहा कि एनसीडीईएक्स पर हल्दी की कीमतें 2023 में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ीं. पीले मसालों ने अगस्त 2023 में 16,720 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया था.
महाराष्ट्र के सांगली क्षेत्र में कीमतें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में दोगुनी हैं. सांगली स्थित वरदलक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक सुनील पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में फसल पिछले साल से 30 फीसदी कम रही है. कीमतें 2,000 रुपये प्रति क्विंटल तक और बढ़ सकती हैं. वहीं, पई ने कहा कि 2023-24 के ख़रीफ़ सीज़न में पीले मसाले की बुआई महाराष्ट्र में 10-20 प्रतिशत, तमिलनाडु में 10-15 प्रतिशत और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 18-22 प्रतिशत कम बताई गई है. उन्होंने कहा कि किसानों ने तिलहन और कपास जैसी अधिक लाभकारी फसलों का विकल्प चुना है, जिससे इस सीजन में रकबा कम हुआ है.
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सरमा ने कहा कि एग्रीवॉच के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024 के लिए हल्दी का उत्पादन लगभग 4.45 लाख टन होने की संभावना है, जो पिछले वर्ष से 15.40 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है. पिछले साल, यह लगभग 5.26 लाख टन था. वहीं, पिछले एक सप्ताह में निज़ामाबाद में नई फसल की आवक शुरू हो गई है. औसतन कीमतें 1,200 से 1,300 बैग के बीच रहीं. लेकिन उनमें नमी की मात्रा लगभग 15-25 प्रतिशत अधिक है. तमिलनाडु में आगमन इस महीने के मध्य में शुरू हो जाएगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में हल्दी की कीमतें 180-200 प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं.
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