Turmeric Price: हल्दी के रकबे में 20 प्रतिशत तक गिरावट, कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी

Turmeric Price: हल्दी के रकबे में 20 प्रतिशत तक गिरावट, कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी

इस साल तमिलनाडु में 20 से 25 प्रतिशत कम रकबे में हल्दी की बुवाई की गई है. वहीं, तेलंगाना में यह आंकड़ा 20 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 25 फीसदी है. इरोड स्थित अमर अग्रवाल फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अंकित अग्रवाल ने कहा कि इस बार औसतन फसल 20 से 25 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है.

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Turmeric Price: हल्दी के रकबे में 20 प्रतिशत तक गिरावट, कीमतों में हो सकती है बढ़ोतरी हल्दी की कीमत में फिर से आ सकती है तेजी. (सांकेतिक फोटो)

आने वाले महीनों में मसालों की कीमत में आग लग सकती है. खास कर हल्दी कीमतें लोगों के किचन का बजट बिगाड़ सकती हैं, क्योंकि खराब मौसम की वजह से हल्दी के उत्पादन में 12 प्रतिशत तक गिरावट आने की संभावना है. ऐसे में अगले साल इसकी कीमत में बंपर बढ़ोतरी हो सकती है. गुजरात स्थित श्रीजी एग्री कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड के जगदीप ग्रेवाल ने कहा कि बाजार रिपोर्ट के अनुसार, इस बार हल्दी के बागान सामान्य क्षेत्र की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत कम हैं.

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल तमिलनाडु में 20 से 25 प्रतिशत कम रकबे में हल्दी की बुवाई की गई है. वहीं, तेलंगाना में यह आंकड़ा 20 फीसदी और आंध्र प्रदेश में 25 फीसदी है. इरोड स्थित अमर अग्रवाल फूड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अंकित अग्रवाल ने कहा कि इस बार औसतन फसल 20 से 25 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है. वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक अनु वीपई ने कहा कि हल्दी बुवाई के दौरान प्रतिकूल मौसम की स्थिति बन गई. ऐसे में किसानों ने हल्दी के बजाए अन्य फसलों की बुवाई करना पसंद किया. इसके चलते 2023-24 में हल्दी के उत्पादन में गिरावट आ सकती है.

20 फीसदी कम होने की उम्मीद है

इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरकेवी रविशंकर ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में भी इस बार 30 फीसदी कम हल्दी का उत्पादन हो सकता है. जबकि तमिलनाडु में 20 फीसदी कम होने की उम्मीद है. वहीं, बाजार पिछले सीजन के 7,35,000 टन की तुलना में 4,87,500 टन फसल का अनुमान लगा रहा है. यही कारण है कि उसके बाद कीमतों में तेजी आई, हालांकि अब थोड़ी कम हो गई हैं.

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हल्दी की मांग में भारी गिरावट देखी गई

मसाला बोर्ड के अनुसार, 2022-23 के दौरान हल्दी का उत्पादन लगभग 1.16 मिलियन टन होने का अनुमान था और बाजार का अनुमान है कि 2023-24 सीज़न में उत्पादन 10 से 12 प्रतिशत कम होगा. वहीं, अंकित अग्रवाल ने कहा कि शुरुआत में वायदा बाजार में हल्दी की कीमतें 16000 रुपये प्रति क्विंटल तक चली गई थीं, लेकिन अब गिरकर लगभग 12000 रुपये पर आ गईं. उन्होंने कहा कि कीमतों में ये गिरावट मांग में कमी आने की वजह से आई है. वहीं, रविशंकर ने कहा कि मैंने अपने 50 साल के व्यापार में इतनी कम मांग नहीं देखी. खासकर अक्टूबर-नवंबर के दौरान हल्दी मांग में भारी गिरावट देखी गई.

12400 रुपये प्रति क्विंटल पर रहेगा

इरोड कृषि उपज विपणन समिति यार्ड में, शुक्रवार को फिंगर हल्दी का मॉडल मूल्य (जिस दर पर अधिकांश व्यापार होता है) 10850 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि निज़ामाबाद में इसका कारोबार 10926 रुपये पर हुआ. पई ने कहा कि एनसीडीईएक्स पर अप्रैल हल्दी अनुबंध ऊपर में 15400-16400 रुपये प्रति क्विंटल और नीचे में 12900-12400 रुपये प्रति क्विंटल पर रहेगा.

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