देश के कई राज्यों में लोगों का बारिश से हाल बेहाल हो गया है. ऐसी ही स्थिति महाराष्ट्र के कई जिलों में देखने को मिला. दरअसल, अमरावती जिले के दर्यापूर तालुका क्षेत्र में शनिवार शाम करीब सात बजे अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया. थिलोरी, आमला, कलमगव्हाण सहित कई गांवों में भयंकर बारिश हुई, जिससे खेतों में खड़ी कपास, तूर और सोयाबीन की फसलें पानी के तेज बहाव में बह गईं. यही हाल सोलापुर जिले में भी देखने को मिला, जहां भारी बारिश से गन्ने की फसल तबाह हो गई है.
भारी बारिश के बाद थिलोरी गांव में लेंडी नाले का जलस्तर अचानक बढ़ने से बड़ी मात्रा में पानी गांव के भीतर घुस आया. कई किसानों की मेहनत एक ही झटके में बर्बाद हो गई. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद होने से किसानों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
गांव वालों का कहना है कि इतनी तेज बारिश और पानी का बहाव पिछले कई सालों में पहली बार देखने को मिला है. अचानक आए इस जल प्रलय से खेतों के साथ-साथ घरों में भी पानी घुसने से ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि तुरंत पंचनामा करवाकर नुकसान का आकलन किया जाए. साथ ही प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें.
यही हाल सोलापुर के अक्कलकोट तहसील के सांगोगी और आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिला है, जहां मूसलाधार बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. कई लोगों के घर तबाह हो गए हैं और किसान पूरी तरह से हताश हो गए हैं.
कड़ी मेहनत से तैयार किया गया गन्ना बारिश के तेज बहाव में बह जाने से एक महिला किसान महिला की आंखों से आंसू छलक पड़ा. सांगोगी के एक किसान की पूरे दो एकड़ गन्ने की फसल के साथ खेत की उपजाऊ मिट्टी भी बह गई. वहीं, नदी किनारे की पूरी खेती ज़मीनदोज़ हो गई.
इस आपदा का असर केवल खेती तक सीमित नहीं रहा, बल्कि किसानों ने फसल का सामान रखने के लिए बनाए गए मकान और पशुओं के बाड़े भी बारिश के पानी से नष्ट हो गए. अक्कलकोट तहसील के कई नागरिकों के घर ढह गए हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस बारिश ने अक्कलकोट तहसील के किसानों का करोड़ों का नुकसान कर दिया है.आंखों में आंसू लिए किसान और नागरिक सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगा रहे हैं. (विजयकुमार रामचंद्र बाबर की रिपोर्ट)
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