गन्ने पर 'टॉप बोरर और पोक्का बोंग' के अटैक से फसल को भारी नुकसान, कीटनाशक भी बेअसर

गन्ने पर 'टॉप बोरर और पोक्का बोंग' के अटैक से फसल को भारी नुकसान, कीटनाशक भी बेअसर

खानपुर गांव के किसान हरकेश कुमार ने कहा कि इस साल मेरी करीब पांच एकड़ की गन्ने की फसल टॉप बोरर से प्रभावित हुई है. कीटनाशकों के बार-बार छिड़काव के बावजूद नतीजे खराब रहे हैं. उत्पादन की लागत बढ़ रही है, लेकिन उपज कम होने की संभावना है.

Advertisement
गन्ने पर 'टॉप बोरर और पोक्का बोंग' के अटैक से फसल को भारी नुकसान, कीटनाशक भी बेअसरगन्ने की फसल पर बढ़ा कीटों का हमला. (सांकेतिक फोटो)

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गन्ना उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है. उनकी फसल पर टॉप बोरर और पोक्का बोंग जैसे कीटों के हमले हो रहे हैं. इससे फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है. हालांकि, किसान कीटों के प्रकोप को रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं. इसके बावजूद भी उनके हमले नहीं रूक रहे हैं. ऐसे में गन्ना उत्पादक किसानों से कृषि विभाग के अधिकारियों से मदद करने की गुहार लगाई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के शाहाबाद क्षेत्र में गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पोक्का बोंग के हमले कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में प्रभावित किसानों ने कहा कि वे इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए फफूंदनाशकों और कीटनाशकों पर अतिरिक्त पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसके चलते उत्पादन की लागत बढ़ गई है. लेकिन परिणाम खराब रहे हैं और उन्हें उपज में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. टॉप बोरर और पोक्का बोंग दोनों ही रोग फसल के लिए हानिकारक हैं और बाद वाला गन्ने की फसल में गंभीर उपज हानि के लिए जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें- किसान मानधन योजना के जरिए हर महीने 3000 रुपये मिलेंगे, कृषि मंत्रालय की किसानों से रजिस्ट्रेशन कराने की अपील

कीटों को लेकर क्या कहते हैं किसान

खानपुर गांव के किसान हरकेश कुमार ने कहा कि इस साल मेरी करीब पांच एकड़ की गन्ने की फसल टॉप बोरर से प्रभावित हुई है. कीटनाशकों के बार-बार छिड़काव के बावजूद नतीजे खराब रहे हैं. उत्पादन की लागत बढ़ रही है, लेकिन उपज कम होने की संभावना है. एक अन्य किसान पंकज हबाना ने कहा कि टॉप बोरर और पोक्का बोइंग ने करीब छह एकड़ फसल को प्रभावित किया है. पिछले साल जहां मेरी फसल 450 क्विंटल प्रति एकड़ की अच्छी पैदावार हुई थी, वहीं इस साल पोक्का बोइंग की वजह से शायद 150 क्विंटल की पैदावार भी न मिले.

गन्ने की खेती पर बढ़ रही लागत

इस साल गन्ना किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि बार-बार स्प्रे करने से उन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है और अभी भी कीटों के हमले से राहत नहीं मिल रही है. ऐसे में किसानों का कहना है कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए. इसी तरह, खरींडवा गांव के एक अन्य प्रभावित किसान रामचरण ने कहा कि टॉप बोरर और पोक्का बोइंग के साथ-साथ मिलीबग ने भी फसल को प्रभावित किया है. हर बार स्प्रे करने पर करीब 2,500 रुपये प्रति एकड़ खर्च आता है और मजदूर भी स्प्रे करने के लिए 400 रुपये प्रति एकड़ लेते हैं, फिर भी नतीजे निराशाजनक रहे हैं.

छिड़काव करने में भी आ रही दिक्कत

हालांकि, गन्ना काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जिससे किसानों को छिड़काव करने में भी दिक्कत आ रही है. इस बीच कुरुक्षेत्र के सहायक गन्ना विकास अधिकारी बलजिंदर सिंह ने बताया कि शाहाबाद में गन्ने की फसल में टॉप बोरर और पोक्का बोएंग की रिपोर्ट है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. इस साल टॉप बोरर के मुकाबले पोक्का बोएंग के मामले ज्यादा हैं. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और किसानों को सलाह दी जा रही है. 

ये भी पढ़ें-  Animal Pregnancy: गाय-भैंस वक्त से हीट में ना आए तो घर पर ही करें इलाज, जानें कैसे 

 

POST A COMMENT