मॉनसून के आगमन के साथ ही पूरे देश में सब्जियां महंगी हो गई हैं. खास कर टमाटर का बढ़ता रेट आम जनता को सबसे अधिक परेशान कर रहा है. राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में टमाटर का खुदरा रेट 80 रुपये किलो के करीब पहुंच गया है. इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में टमाटर और महंगे हो सकते हैं.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश से भारी बारिश के कारण टमाटर की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर में बाधित हो गई है. मंडियों में प्रयाप्त मात्रा में टमाटर की आवक नहीं होने की वजह से यह खुदरा मार्केट में 80 रुपये किलो हो गया है. जबकि प्रमुख उत्पादक क्षेत्र कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गर्मी की चलते इस साल फसल में संक्रमण फैल गया. इससे उपज प्रभावित हुई है. इससे भी कीमतें बढ़ रही हैं. वहीं, देश के कुछ हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमत एक महीने में लगभग दोगुनी हो गई है.
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उपभोक्ता मामलों के विभाग के मूल्य निगरानी प्रभाग के अनुसार, 5 जुलाई को टमाटर की औसत खुदरा कीमत 58.2 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले महीने की इसी तारीख की कीमत की तुलना में 64.45 फीसदी अधिक है. हालांकि, पिछले एक महीने में टमाटर के थोक मूल्य में 73.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक महीने में प्याज की खुदरा कीमत में 32.19 फीसदी और आलू की कीमत में 17.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. प्याज की खुदरा कीमत 5 जून को 32.53 रुपये से बढ़कर 5 जुलाई को 43 रुपये हो गई. थोक बाजार में प्याज की कीमत पिछले एक महीने में 36.14 फीसदी बढ़ी है.
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि टमाटर, आलू और प्याज की कीमतों में उछाल ने जून में घर पर खाना बनाने की लागत को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है. घर पर पकाए गए शाकाहारी भोजन की औसत लागत जून में पिछले साल इसी महीने में दर्ज 26.7 रुपये से बढ़कर 29.4 रुपये हो गई. मई 2024 में यह 27.8 रुपये होगी. रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा कि जून में कीमतों में बढ़ोतरी का कारण खराब मौसम है. ऐसे में कम आवक के कारण टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में उछाल है.
क्रिसिल के अनुसार, जून में टमाटर की कीमत में साल-दर-साल 30 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि प्याज और आलू क्रमशः 46 फीसदी और 59 फीसदी महंगे हुए. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उच्च तापमान के कारण टमाटर की गर्मियों की फसलों में वायरस के संक्रमण के कारण उत्पादन में 35 फीसदी की गिरावट आई है.
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CRISIL मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक (शोध) पुशन शर्मा ने कहा कि नवंबर 2023 से सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण घर में पकाए जाने वाले शाकाहारी थाली की कीमत में वृद्धि हो रही है. शर्मा ने कहा कि आगे चलकर, पिछले वित्त वर्ष के उच्च आधार के कारण थाली की कीमतें इस साल कम रहने की उम्मीद है, जब टमाटर की कीमतों में उछाल आया था. हालांकि, क्रमिक रूप से, अगस्त के अंत में टमाटर की कीमतों में सुधार होने से पहले बढ़ोतरी होगी, क्योंकि दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से ताजा आपूर्ति आ रही है.
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