ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में कई दिनों से जारी खराब मौसम की वजह से बागवानी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. खास कर टमाटर, पत्तागोभी और फूलगोभी की फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई है. ऐसे में किसान लागत निकालने के लिए समय से पहले ही फसल की कटाई कर रहे हैं. वहीं, कई किसान अपनी उपज को कम कीमत पर बेचने को मजबूर हो गए हैं. किसानों का कहना है कि अगर वे अभी कटाई नहीं करते हैं, तो पूरी फसल कुछ दिनों में खराब हो जाएगी. इससे बहुत ज्यादा घाटा लगेगा.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नुआगांव के बारीलेप्टा ग्राम पंचायत स्थित बरकाटोला के किसान अनिल लाकड़ा ने कहा कि उन्होंने 3.5 एकड़ से अधिक रकबे में टमाटर, पत्तागोभी और फूलगोभी की खेती की थी. पूरी फसल लगभग तैयार हो गई थी. लेकिन बारिश होने और बादल छाए रहने के चलते फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. बारिश की वजह से टमाटर सड़ने लगे हैं. वहीं, पानी के संपर्क में आने से गोभी सख्त हो गई है और उसमें दरारें पड़ रही हैं.
उन्होंने कहा कि जो कुछ भी उपज बचा सकें, इसके लिए किसान फसल की कटाई कर रहे हैं. यही वजह है कि लकड़ा ने मंगलवार को एक व्यापारी को लगभग 32 क्विंटल टमाटर 10 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा. लाकड़ा ने कहा कि तोड़ने के दौरान नौ क्विंटल से अधिक क्षतिग्रस्त टमाटरों को फेंकना पड़ा, जबकि व्यापारी ने लगभग 7.5 क्विंटल टमाटर को खीदने से इनकार कर दिया.
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नुआगांव के सोर्डा जीपी के बारीबेड़ा के एक अन्य किसान सुबोध बारला ने कहा कि टमाटर पौधों से गिरने लगे हैं. बारला ने कहा कि ऐसे में उन्होंने टमाटर की तोड़ाई शुरू कर दी और राउरकेला बाजार में खुदरा मूल्य पर बेच दिया. उन्होंने कहा कि उनकी फूलगोभी को 15 रुपये प्रति किलोग्राम पर भी कोई खरीदार नहीं मिला. बारला ने कहा कि लौकी, करेला, भिंडी और बैंगन सहित अन्य किसानों की खड़ी सब्जियों की फसल में भी नुकसान के शुरुआती संकेत दिखाई दे रहे हैं. इससे किसानों को निर्धारित समय से पहले कटाई करनी पड़ रही है.
सूत्रों ने कहा कि खराब मौसम और 18 जनवरी से शुरू हुई बारिश अब तक जारी है. इससे अधिकांश सब्जियों की कीमतें गिरनी शुरू हो गई हैं और फूलगोभी 50-60 रुपये से गिरकर 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है. जबकि टमाटर और बीन्स की कीमतें भी 15-20 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं. सुंदरगढ़ के बागवानी उप निदेशक (डीडीएच) सुकांत नाइक ने कहा कि उनके कार्यालय को बागवानी फसलों के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है और उन्होंने किसानों को कीटों के हमलों को रोकने के लिए समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी है.
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