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हरियाणा में 15 नवंबर से गन्ना पेराई, किसानों ने पूछा-कब मिलेगा 22 करोड़ रुपये का बकाया

हरियाणा में 15 नवंबर से गन्ना पेराई, किसानों ने पूछा-कब मिलेगा 22 करोड़ रुपये का बकाया

हरियाणा में गन्ना पेराई 15 नवंबर से शुरू होने की संभावना है. ऐसे में अंबाला जिले के किसानों को पिछले सीजन के गन्ने की 22 करोड़ रुपये की बकाया राशि नहीं मिली है. जिसको लेकर किसान सरकार से अनुरोध कर रहे हैं. इस सीजन की शुरुआत से पहले बकाया राशि उनको दे दी जाए.

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गन्ने की पेराई गन्ने की पेराई

हरियाणा में गन्ने की पेराई जल्द ही शुरू होने वाली है. किसान इसके लिए तैयारियों में लग गए हैं, लेकिन बड़ी संख्या में किसानों को नारायणगढ़ चीनी मिल में पिछले सत्र की उपज के लिए 22 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अभी भी मिलना बाकी है. हालांकि, यह एक निजी चीनी मिल है, लेकिन इसे 2019 से राज्य सरकार की देखरेख में चलाया जा रहा है. वहीं, किसानों का दावा है कि उनके 22.74 करोड़ रुपये बकाया हैं. ऐसे में नियमानुसार खरीद के 14 दिन के अंदर भुगतान हो जाना चाहिए.

सहकारी चीनी मिल का वादा

बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हर साल मिल की ओर से भुगतान में देरी के कारण किसानों को होने वाली असुविधा पर चिंता व्यक्त की थी. साथ ही सत्ता में आने पर सहकारी चीनी मिल स्थापित करने का वादा भी किया था.

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बकाया राशि देने का अनुरोध 

इस मामले पर संयुक्त गन्ना किसान समिति के अध्यक्ष सिंगारा सिंह ने कहा कि गन्ने की पेराई का मौसम शुरू होने वाला है, लेकिन किसानों को अभी तक 22.74 करोड़ रुपये का बकाया नहीं मिला है. ब्याज सहित करीब 40 करोड़ रुपये के फसल लोन का मुद्दा भी लंबित है. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि बकाया राशि को समय पर चुकाया जाए और आगामी यानी आने वाले सीजन का भुगतान भी नियमों के अनुसार किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भुगतान पाने के लिए बार-बार आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

CM के सामने उठ चुका है मुद्दा

गन्ना किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद राणा ने कहा कि बार-बार ज्ञापन, बैठकें और आश्वासन के बावजूद किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पाया है. वहीं, अगला सीजन 15 नवंबर से शुरू होने वाला है. सरकार को समझना चाहिए कि किसानों को अगली फसल के लिए भी पैसे की जरूरत है और उन्हें अपने परिवार का भी ख्याल रखना है. हमने इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने भी उठाया है और चूंकि वे नारायणगढ़ के रहने वाले हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान निकालेंगे.

15 नवंबर से होगा गन्ना पेराई

इस बीच, नारायणगढ़ के एसडीएम शाश्वत सांगवान, जो चीनी मिलों के सीईओ का भी प्रभार संभालते हैं. उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई सत्र को समय पर और अच्छे से शुरू करना और बकाया राशि का भुगतान करना हमारी प्राथमिकता है. लगभग तीन महीने पहले, हमने एक सुचारू सत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी और इनपुट लागत को कम करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. हम गन्ना किसानों के समूहों के साथ भी चर्चा कर रहे हैं. वहीं, गन्ना पेराई 15 नवंबर से शुरू होने की संभावना है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारी फील्ड टीमें लगातार किसानों के साथ बैठकें कर रही हैं, ताकि उन्हें अन्य मिलों में जाने के बजाय नारायणगढ़ चीनी मिल में अधिकतम गन्ना उतारने के लिए प्रेरित किया जा सके क्योंकि नारायणगढ़ चीनी मिल की रिकवरी अच्छी है. अधिक पेराई के साथ ही मिलें अधिक स्टॉक बनाने और बकाया चुकाने में सक्षम होंगी.