देश का कुल चीनी उत्पादन पिछले सीजन की तुलना में 2 लाख टन घट गया है. अधिक पेराई कारखाने चालू रहने के बाद भी चीनी उत्पादन में गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है. 15 मार्च 2024 तक देश का कुल चीनी उत्पादन 282.60 लाख टन हुआ है. टॉप 5 प्रमुख उत्पादक राज्यों में से यूपी और गुजरात में चीनी उत्पादन बीते साल की तुलना में बढ़ा है, जबकि बाकी राज्यों में गिरावट दर्ज की गई है.
भारतीय चीनी मिल संघ इस्मा (ISMA) ने 15 मार्च 2024 तक देश का कुल चीनी उत्पादन आंकड़ा जारी कर दिया है. आंकड़ों के अनुसार मौजूदा 2023-24 चीनी सीजन में 15 मार्च 2024 तक चीनी का कुल उत्पादन 280.79 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी तारीख को 282.60 लाख टन का उत्पादन हुआ था. इस हिसाब से करीब 2 लाख टन कम चीनी का उत्पादन हुआ है.
इस्मा (ISMA) के अनुसार इस वर्ष चालू कारखानों की संख्या 371 थी, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि पर 325 मिलें संचालित थीं. अधिक कारखाने संचालित रहने के बाद भी चीनी उत्पादन में गिरावट ने चिंता बढ़ाई है. 15 मार्च तक देश भर में 161 कारखानों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है, जबकि पिछले साल 208 कारखाने बंद थे. हालांकि, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता अभी भी बनी हुई है, जिससे पेराई सीजन लंबा जाएगा और उत्पादन आंकड़े पिछले साल से आगे निकल सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में 15 मार्च 2024 तक 88.40 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है, जो बीते मार्च 2023 सीजन में 79.63 था. इसी तरह चालू सीजन में 15 मार्च तक 8.88 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है, जबकि बीते साल समान अवधि में 8.87 लाख टन उत्पादन हुआ था. दोनों राज्यों के चीनी उत्पादन आंकड़ों में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं, अन्य 3 प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में पिछले सीजन से चीनी उत्पादन कम दर्ज किया गया है.
महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता पहले की अपेक्षा अधिक है. ऐसे में यहां पेराई सीजन लंबा चलने वाला है, जिससे चीनी उत्पादन भी बढ़ना निश्चित है. इसलिए इस्मा ने 2023-24 चीनी सीजन के लिए अखिल भारतीय चीनी उत्पादन अनुमान 340 लाख टन यानी 34 मिलियन किया है. बता दें कि कि इससे पहले चीनी सीजन 2022-23 में 330.90 लाख टन उत्पादन हुआ था.
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