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10 दिन में 60 रुपये किलो महंगे हो गए फूल, जानें गुलदाउदी और मैगनोलिया की कितनी बढ़ी कीमत

10 दिन में 60 रुपये किलो महंगे हो गए फूल, जानें गुलदाउदी और मैगनोलिया की कितनी बढ़ी कीमत

धर्मपुरी जिले में किसान बड़े स्तर पर फूलों की खेती करते हैं. यहां पर गुलाब, गुलदाउदी, चमेली, मैगनोलिया और अन्य किस्मों की खेती 7,050 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की जाती है और निजी बाजारों में बेची जाती है. पिछले कुछ हफ्तों में अपर्याप्त पानी के कारण पैदावार कम होने से आपूर्ति कम हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं.

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फूल की कीमत में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो) फूल की कीमत में बढ़ोतरी. (सांकेतिक फोटो)

तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में फूलों की कीमत में जबरदस्त उछाल आई है. कहा जा रहा है कि पिछले 10 दिनों में जिले में किस्म के आधार पर फूलों की कीमतों में 20 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन मांग कमजोर होने से किसान और व्यापारी परेशान हैं. उनका कहना है कि कीमत में बढ़ोतरी होने से लोग पहले के मुकाबले कम फूल खरीद रहे हैं. इससे ज्यादा कमाई नहीं हो रही है. वहीं, नल्लमपल्ली के एक फूल व्यापारी आर शिवराज ने कहा कि 10 दिन पहले गुलदाउदी की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम थी और अब यह 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इसी तरह 100 रुपये प्रति किलो बिकने वाला मैगनोलिया दस दिन पहले 40 रुपये प्रति किलो था.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मपुरी जिले में किसान बड़े स्तर पर फूलों की खेती करते हैं. यहां पर गुलाब, गुलदाउदी, चमेली, मैगनोलिया और अन्य किस्मों की खेती 7,050 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में की जाती है और निजी बाजारों में बेची जाती है. पिछले कुछ हफ्तों में अपर्याप्त पानी के कारण पैदावार कम होने से आपूर्ति कम हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं. हालांकि व्यापारियों ने कहा कि मांग की कमी के कारण ही कीमतें स्थिर हैं और आने वाले महीनों में स्थिति अच्छी नहीं है. धर्मपुरी के आर कलियाप्पन ने कहा कि अप्रत्याशित मौसम के कारण फूलों का बाजार बेहद अनियमित हो गया है. फिलहाल कम आपूर्ति के कारण फूलों की कीमतें 20 रुपये से लेकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं.

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किसानों को नहीं हो रहा मुनाफा

कलियाप्पन ने कहा कहा कि कीमत में बढ़ोतरी के बावजूद भी मुनाफ़ा नहीं हो रहा है, क्योंकि पानी की कमी के कारण हमने उत्पादन कम कर दिया है. उन्होंने कहा कि सिंचाई की किल्लत की वजह से किसान बहुत कम रकबे में फूलों खेती कर रहे हैं इसके अलावा बाजार में भी फूलों की कोई मांग नहीं है, इसलिए अधिक उत्पादन करना घाटे का सौदा होगा. फूलों की कीमत में बढ़ोतरी का आलम यह है कि कनकंबरम या पटाखा फूल की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम से 150 रुपये बढ़ गया है.

मार्केट में नहीं है फूलों की मांग

बटन गुलाब, ओलियंडर और चमेली की विभिन्न किस्मों की कीमतें समान हैं. चूंकि कोई मंदिर उत्सव या प्रमुख कार्यक्रम नहीं हैं, इसलिए फूलों की कोई मांग नहीं है. जो कुछ भी लाया जाता है वह बाजार के लिए पर्याप्त होता है. उत्पादन बढ़ेगा तो कीमतें गिरेंगी. बागवानी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बाजार में कोई अनियमित स्थिति नहीं है, गर्मी के कारण मौसमी उतार-चढ़ाव आम है. आने वाले हफ्तों में स्थिति बदल जाएगी.

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टमाटर की कीमत में उछाल

वहीं, शुक्रवार को खबर सामने आई थी कि धर्मपुरी जिले में सप्लाई प्रभावित होने से टमाटर की कीमत में आग लग गई है. कहा जा रहा है कि टमाटर की सप्लाई में गिरावट आने से एक हफ्ते के अंदर ही इसकी कीमत दोगुनी हो गई. इससे आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है. खास बात यह है कि कीमतों में सबसे अधिक बढ़ोतरी धर्मपुरी मंडी में देखने को मिल रही है. हालांकि, धर्मपुरी में सालाना 6,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टमाटर की खेती की जाती है. अधिकतर छोटे और सीमांत किसान टमाटर की खेती करते हैं. लेकिन, बारिश की कमी की वजह से इस बार टमाटर के उत्पादन में गिरावट आई है.