देश में चीनी की कमी नहीं होने वाली है, क्योंकि उत्पादन के शुरुआती अनुमानों में 333 लाख टन उत्पादन की बात कही गई है. ऐसे में आने वाले सीजन में बाजार में चीनी की कीमतों पर विपरीत असर की आशंका नहीं है. शुरुआती अनुमानों के अनुसार सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 112 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 111 लाख टन चीनी पैदा होगी. जबकि, इथेनॉल बनाने के लिए कुल चीनी में से 21 लाख टन चीनी का डायवर्जन किया जाएगा. अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम ने गन्ना फसल की अधिक पैदावार की संभावना पर जोर दिया है.
भारतीय चीनी और जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने देश के चीनी उत्पादन के पहले अनुमान में 333 लाख टन उत्पादन की बात कही है. यह उत्पादन अनुमान जून 2024 के तीसरे सप्ताह में ली गई अखिल भारतीय इमेजरी और सामान्य मानसून को ध्यान में रखते हुए फील्ड रिपोर्ट के नतीजों के पर आधारित है. अखिल भारतीय इमेजरी अक्टूबर 2024 के तीसरे सप्ताह में ली गई थी और 5 नवंबर 2024 को कार्यकारी समिति की बैठक में इस पर चर्चा की गई थी.
ISMA ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में 333 लाख टन के सकल उत्पादन के रूप में जारी कर रहा है. यह इथेनॉल डायवर्जन से पहले का उत्पादन आंकड़ा है. इस्मा की ओर से कहा गया है कि इसमें से करीब 21 लाख टन चीनी का इस्तेमाल इथेनॉल बनाने के लिए डायवर्ट करने में होगा. इसके बाद 319.64 लाख टन चीनी उत्पादन बने रहने की बात कही गई है.
प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में फसल की स्थिति अच्छी दिख रही है और फील्ड रिपोर्ट के लिए सैटेलाइट मैपिंग से राज्यवार उत्पादन के सकारात्मक नतीजे दिख रहे हैं. खरीफ सीजन के दौरान अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम ने गन्ना फसल की अधिक पैदावार की संभावना पर जोर दिया है. जबकि, इस बार गन्ने की फसल में बारिश से उपजने वाले सड़न रोग और कीटों से रोकथाम के लिए किसानों ने पहले से ही फसल बचाने के उपाय किए हैं, जिसके चलते अच्छे गन्ना उत्पादन की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
इस्मा के शुरुआती चीनी उत्पादन अनुमानों के अनुसार प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 112 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है. जबकि, उत्तर प्रदेश में करीब 111 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान जारी किया गया है. इसके अलावा कर्नाटक में भी उम्मीद के मुताबिक 58.07 लाख टन चीनी उत्पादन होगा. कर्नाटक में पिछले साल की समान अवधि के दौरान भी यही आंकड़ा सामने आया था. कहा गया है कि राज्यों में उत्पादन के अगले अनुमानों पिछले साल के आंकड़े पीछे छूट सकते हैं.
पहले अनुमान में ही बंपर उत्पादन आंकड़ों के चलते देश में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहने के स्पष्ट संकेत मिले हैं. 1 अक्टूबर को चीनी का ओपनिंग 84.79 लाख टन रहा है. चीनी की घरेलू 290 लाख टन और इथेनॉल के लिए इस्तेमाल होने के बाद भी चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 87.79 लाख टन बना रहेगा. इससे से न केवल घरेलू खपत के लिए पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित होगा और इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) को जरूर रफ्तार पर बनाए रखा जा सकेगा.
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