जहां एक तरफ महाराष्ट्र की अधिकांश मंडियों में सोयाबीन का दाम एमएसपी से कम चल रहा तो वहीं दूसरी ओर वाशिम जिले की कारंजा मंडी में इसके दाम ने नया रिकॉर्ड बना दिया है. यहां 20 मई को न्यूनतम दाम तो 4175 रुपये क्विंटल रहा, जो इसकी एमएसपी से कम है, लेकिन अधिकतम और औसत दाम 2021 के अधिकतम 11 हजार रुपये प्रति क्विंटल की कीमत से भी अधिक रहा. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार अधिकतम दाम 12515 और औसत मॉडल प्राइस 12400 रुपये क्विंटल रहा. ऐसा भी नहीं है कि आवक कम होने की वजह से दाम बढ़ गया हो. बोर्ड के अनुसार आवक 4000 क्विंटल हुई थी. सोयाबीन का एमएसपी 4600 रुपये प्रति क्विंटल तय है. राज्य के किसानों को उम्मीद है कि इस साल भी सोयाबीन का दाम 2021 और 2022 की तरह बढ़ सकते हैं.
सांगली मंडी में भी 20 मई को किसानों को सोयाबीन का एमएसपी से ज्यादा दाम मिला. बोर्ड के अनुसार यहां 50 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई थी. कम आवक की वजह से न्यूनतम दाम 4600, अधिकतम 5200 और मॉडल प्राइस 4900 रुपये क्विंटल रहा. बाकी मंडियों में अभी भी किसानों को औने-पौने दाम पर ही सोयाबीन बेचना पड़ रहा है. महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक है. यहां पर लाखों किसानों की आजीविका इसकी खेती पर निर्भर है.
ये भी पढ़ें: Onion Export Ban: जारी रहेगा प्याज एक्सपोर्ट बैन, लोकसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा झटका
सोयाबीन कई मायने में एक महत्वपूर्ण फसल है. इसका दाम 2021 और 2022 में 8000 से 11000 रुपये प्रति क्विंटल तक था, लेकिन बाद में इसके दाम में भारी गिरावट आ गई. पिछले साल भी किसानों को इसका उचित दाम नहीं मिला. जबकि सोयाबीन एक दलहन-तिलहन एवं नगदी फसल है. इंदौर स्थित सोयाबीन रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों के अनुसार सोयाबीन देश में कुल तिलहन फसलों का 42 प्रतिशत और कुल खाने वाले तेल उत्पादन में 22 प्रतिशत का बड़ा योगदान दे रहा है. है. सोयाबीन में भारत को खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की पूरी क्षमता है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today