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सोयाबीन और मूंगफली के उत्पादन में दिखेगी तेजी, तूर और उड़द में गिरावट की आशंका

सोयाबीन और मूंगफली के उत्पादन में दिखेगी तेजी, तूर और उड़द में गिरावट की आशंका

तूर, उड़द, मूंग, सूरजमुखी और तिल के उत्पादन में गिरावट की आशंका है. यह आशंका इसलिए जाहिर की गई है क्योंकि इन दलहन और तिलहन फसलों की कटाई में कमी देखी जा रही है. कटाई में कमी के चलते उपज मंडियों में कम पहुंच रही है जिससे उत्पादन में गिरावट की आशंका है.

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सोयाबीन की खेती सोयाबीन की खेती

मंडियों के रुझान से पता चलता है कि इस सीजन में चार खरीफ फसलें सोयाबीन, मूंगफली, ज्वार और रामतिल (नाइजर) के उत्पादन में तेजी देखी जा सकती है. देश की मंडियों में पिछले 30 दिनों की आवक के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है. दूसरी ओर, तूर, उड़द, मूंग, सूरजमुखी और तिल के उत्पादन में गिरावट की आशंका है. यह आशंका इसलिए जाहिर की गई है क्योंकि इन दलहन और तिलहन फसलों की कटाई में कमी देखी जा रही है. कटाई में कमी के चलते उपज मंडियों में कम पहुंच रही है जिससे उत्पादन में गिरावट की आशंका है. 

2023 के खरीफ सीजन में फसलों का उत्पादन कुछ इस प्रकार था- 1130 लाख टन चावल, 220 लाख टन मक्का, 91 लाख टन बाजरा, 11 लाख टन रागी, 11 लाख टन तूर, 30 लाख टन उड़द, 10 लाख टन मूंग, 10 लाख टन मूंगफली, 80 लाख टन सोयाबीन, 130 लाख टन सूरजमुखी, लगभग एक लाख टन तिल और रामतिल. 

फसल उत्पादन का आंकड़ा

कपास, जिसकी 2023-24 में 170 किलोग्राम की 32.52 मिलियन गांठें थीं, ऐसा लगता है कि कम रकबे के बावजूद पिछले 30 दिनों में कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि कपास (मध्यम) अभी मंडियों में औसतन 6,993 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, जो अक्टूबर में 7,134 रुपये क्विंटल के औसत से थोड़ा कम है. इस साल कपास की बुवाई का रकबा लगभग 113 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो 2023 में 12.7 लाख हेक्टेयर से कम है.

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कृषि मंत्रालय ने 20 सितंबर को कहा था कि खरीफ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान अक्टूबर में जारी किया जाएगा. मंत्रालय ने क्रिसिल रिसर्च, एग्रीवॉच, इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए), इंडियन ऑयलसीड एंड प्रोड्यूस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (आईओपीईपीसी), इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए), कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) और ICAR के कई शोध संस्थानों के उद्योग विशेषज्ञों के साथ खरीफ फसलों की संभावनाओं पर चर्चा भी की थी.

राजस्थान ने जारी किया अनुमान

एक व्यापारी वी के जैन ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, "व्यापार जगत को फसल की नब्ज पता होती है, चाहे उत्पादन कम हो या ज्यादा, भले ही यह सटीक न हो. निजी व्यापारी और उद्योग हमेशा सरकारी अनुमानों का इंतजार करते हैं, खास तौर पर कई राज्यों में उगाई जाने वाली फसलों के लिए. तूर या मूंग जैसी फसल का अनुमान लगाना आसान होता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से 2-3 राज्यों में उगाई जाती है."  

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राजस्थान, जो भारत में कई फसलों के टॉप के तीन उत्पादकों में से एक है, ने पहले ही उत्पादन का अपना पहला अनुमान जारी कर दिया है. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, बाजरा का उत्पादन लगभग 40 टन, मूंग का 20 लाख टन, मक्का का 20 लाख टन, ज्वार का 10 लाख टन, उड़द का 10 लाख टन, मूंगफली का 20 लाख टन, सोयाबीन का 10 लाख टन, अरंडी का 10 लाख टन और तिल का 88,379 टन उत्पादन होने का अनुमान है.