Rice Price: चावल पर भारत के फैसलों ने बढ़ाई वैश्व‍िक बाजार की च‍िंता, कई देशों में बढ़ गया दाम

Rice Price: चावल पर भारत के फैसलों ने बढ़ाई वैश्व‍िक बाजार की च‍िंता, कई देशों में बढ़ गया दाम

वैश्विक बाजार में गैर बासमती सफेद चावल और उबले चावल की कीमतें 700 डॉलर प्रति टन की ओर बढ़ रही हैं. खासतौर पर थाईलैंड, मलेश‍िया और व‍ियतनाम में दाम तेजी से बढ़ रहा है. घरेलू बाजार में दाम कंट्रोल करने के ल‍िए भारत सरकार चावल पर प्रत‍िबंध अभी जारी रख सकती है. 

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Rice Price: चावल पर भारत के फैसलों ने बढ़ाई वैश्व‍िक बाजार की च‍िंता, कई देशों में बढ़ गया दामदुन‍िया के कई देशों में बढ़ा चावल का दाम (Photo-Kisan Tak).

चावल को लेकर भारत सरकार द्वारा ल‍िए गए फैसलों का असर पूरी दुन‍िया पर द‍िखाई दे रहा है. इस समय बासमती, गैर बासमती और टूटे चावल सभी पर क‍िसी न क‍िसी तरह की बंद‍िश लगाई गई है. क‍िसी का एक्सपोर्ट बैन है, क‍िसी पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगी है तो क‍िसी का म‍िन‍िमन एक्सपोर्ट प्राइस फ‍िक्स कर द‍िया गया है. यानी हर तरह के चावल पर सरकार का क‍िसी न क‍िसी रूप में न‍ियंत्रण है. भारत दुन‍िया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक रहा है, ऐसे में इन प्रत‍िबंधों का असर पर दुन‍िया के दूसरे मुल्कों पर द‍िखाई देने लगा है. वैश्विक बाजार में गैर बासमती सफेद चावल और उबले चावल की कीमतें 700 डॉलर प्रति टन की ओर बढ़ रही हैं. खासतौर पर थाईलैंड में चावल का दाम सबसे ज्यादा बढ़ा है. जहां कीमत 670 डॉलर प्रति टन से ऊपर चल रही हैं. 

वैश्विक बाजार में कीमतें 20 जुलाई से बढ़ गई हैं, जब भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. फ‍िर एक हफ्ते बाद ही उबले चावल यानी सेला राइस के शिपमेंट पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया गया. साथ ही बासमती चावल के निर्यात पर 1,200 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य फ‍िक्स कर द‍िया गया. टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर पहले से ही बैन लगा हुआ है. ऐसे में भारत के इन फैसलों का असर अब वैश्च‍िक बाजार पर द‍िखाई दे रहा है. जहां गैर बासमती सफेद चावल और उबले चावल की कीमत अब 670-690 डॉलर प्रत‍ि टन के बीच पहुंच गई है. 

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घरेलू बाजार में कीमत हुई कम

इस समय थाईलैंड में उबले हुए चावल की कीमत 670-690 डॉलर प्रति टन के बीच चल रही है. भारतीय चावल की कीमत 500 से 600 डॉलर प्रति टन है, जिसमें 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क भी शामिल है. हालांक‍ि घरेलू बाजार में कीमतें कुछ ग‍िर गई हैं. सरकार ने इन फैसलों को इसील‍िए ल‍िया था क‍ि वो घरेलू मोर्चे पर महंगाई को कम कर सके. हालांक‍ि, चावल निर्यात पर अंकुश लगाने के भारत के कदम ने विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. 

मलेश‍िया और थाईलैंड प्रभाव‍ित

फिलीपींस के एक व्यापार विश्लेषक ने कहा क‍ि भारत के फैसलों से मलेशिया सह‍ित कई देश प्रभावित हुए हैं. मलेशिया में स्थानीय मीडिया के अनुसार, स्थानीय चावल की आपूर्ति भी नगण्य है. क्योंकि आयातित चावल की कीमतें बढ़ गई हैं. अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, मजबूत मांग को दर्शाते हुए थाई निर्यात और घरेलू चावल की कीमतों में पिछले सप्ताह 1-3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के सफेद चावल पर प्रतिबंध के बाद से, पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए थाईलैंड ने सभी ग्रेडों के लिए कीमतें 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ा दी हैं. इस बीच, व्यापार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया सरकार से सरकार के आधार पर चावल निर्यात की अनुमति देने के लिए भारत से संपर्क कर सकता है. 

व‍ियतनाम में चावल का दाम बढ़ा

उबले चावल के मामले में, यहां तक ​​कि पाकिस्तान भी 608-612 डॉलर प्रति टन पर बोली लगा रहा है, हालांकि, पड़ोसी देश के पास स्टॉक की कमी है. चावल निर्यात पर भारत के अंकुश ने वैश्विक बाजार को और सख्त कर दिया है. युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) ने कहा कि शिपमेंट पर भारतीय प्रतिबंधों के बाद अगस्त महीने में वियतनाम में चावल की कीमतों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. भारत द्वारा घरेलू बाजार में दाम कंट्रोल करने के ल‍िए चावल पर प्रत‍िबंध अभी जारी रह सकता है. क्योंक‍ि यह चुनावी वक्त है और ऐसे में सरकार महंगाई का खतरा मोल नहीं लेना चाहती है.  

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