गेहूं खरीद के नियमों में ढील देने की बात कई दिनों से चल रही थी. हरियाणा के मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पहले भी इसको लेकर बात करते नजर आए थे. इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को खरीद सीजन 2023-24 के दौरान गेहूं की समान खरीद में ढील देने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, हरियाणा सरकार के एक बयान के अनुसार, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मूल्य कटौती को वापस लेने का अनुरोध किया है. आपको बता दें खराब मौसम और ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. जिस वजह से देश के किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों की चिंता को कम करने के लिए सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है.
हरियाणा सरकार ने कहा जब तक केंद्र सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती है, तब तक हरियाणा सरकार मूल्य कटौती की राशि वहन करेगी और इसका किसानों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एकसमान विशेष निर्णय के तहत 6 प्रतिशत की मौजूदा सीमा के मुकाबले सूखे और टूटे अनाज की सीमा को 18 प्रतिशत तक कम कर दिया है.
6 प्रतिशत तक सूखे और टूटे गेहूं पर कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी. मूल्य में कटौती 10 प्रतिशत तक चमक नुकसान वाले गेहूं पर लागू नहीं होगी, जबकि फ्लैट आधार पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य कटौती 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक चमक नुकसान वाले गेहूं पर कटौती की जाएगी. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चरूनी ने कहा कि किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार मूल्य कटौती के फैसले को वापस ले. चारुनी ने कहा, "अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो किसान गुरुवार को राज्य की मंडियों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे."
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इस बीच, आधिकारिक बयान के अनुसार, खट्टर ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी फसलों में चमक के नुकसान या सूखे और टूटे अनाज को देखते हुए खरीद सीजन 2023-24 के दौरान गेहूं के समान विनिर्देशों में छूट के लिए आभार व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल से बात की, उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार गेहूं की खरीद के नियमों में ढील देगी.
चौटाला ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि केंद्र सरकार ने अब खरीद एजेंसियों को अधिकतम 80 प्रतिशत तक की चमक कम होने पर भी गेहूं खरीदने की अनुमति दे दी है. चौटाला ने कहा इसी प्रकार गेहूं के दाने में 6 प्रतिशत की कमी होने पर क्रय मूल्य में कोई कमी नहीं होगी और केन्द्र सरकार के निर्णय तक सिकुडऩे वाले गेहूं की खरीद पर 18 प्रतिशत हरियाणा सरकार द्वारा मामूली कटौती वहन की जायेगी. खट्टर ने कहा कि खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें हमेशा जोखिम शामिल होता है, जिसमें मौसम की मार का सामना करना भी शामिल है.
राज्य के कई हिस्सों में पिछले महीने हुई भारी बारिश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह का पैटर्न 2015 में देखा गया था जब फरवरी में बेमौसम बारिश ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया था. उस समय राज्य सरकार ने मई-जून से पहले किसानों को 1,190 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था. उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी फसल नुकसान के सर्वे (क्षेत्र निरीक्षण) का कार्य चल रहा है और ई-फसल क्षमतापूर्ति पोर्टल भी खुला है, जहां किसान अपनी फसल नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं.
किसानों को मुआवजा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सत्यापन के बाद दिया जाएगा; उन्होंने कहा कि इस बार भी किसानों को मई तक पूरा मुआवजा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है. गेहूं का एक दाना 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. किसानों को उनकी फसल की खरीद का भुगतान 48-72 घंटे के भीतर कर दिया जाता है.
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