पंजाब में गेहूं कटाई शुरू होने में अभी और वक्त लगेगा. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि रात के कम तापमान के कारण प्रदेश में गेहूं की कटाई में अभी 7 से 10 दिन की देरी हो सकती है. बठिंडा में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के कृषि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 1 अप्रैल से अधिकतम तापमान 31 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जबकि औसत न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा है. राज्य के कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि इस सप्ताह के अंत तक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है. इससे फसल को नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि बाजार का शुरुआती रुझान से पता चलता है कि इस बार गेहूं की आवक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 98 फीसदी धीमी रही.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पंजाब भर में कई स्थानों पर 13-15 अप्रैल तक हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है. संभावित खराब मौसम को लेकर किसानों को सचेत किया जा रहा है. गेहूं परिपक्वता के अंतिम चरण में है और अगले कुछ दिनों में बारिश और तूफान के पूर्वानुमान को देखते हुए हम सतर्क हैं. कृषि निदेशक ने कहा कि पंजाब में लगभग 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है और विभाग को इस साल बंपर फसल की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि आम तौर पर गेहूं की कटाई 10 अप्रैल तक गति पकड़ लेती है लेकिन इस बार यह काफी धीमी गति से चल रही है.
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कृषि निदेशक ने कहा कि इस वर्ष, रातें औसत से अधिक ठंडी हैं जबकि दिनों में अधिकतम तापमान काफी अधिक है. इस तापमान परिवर्तन ने फसल के पकने पर असर डाला है, जिससे कटाई में देरी हो रही है. पिछले रबी सीज़न में पंजाब में लगभग 161 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था और विशेषज्ञ पिछले साल की पैदावार को पार करने की उम्मीद जता रहे हैं. पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से राज्य भर की मंडियों में केवल 1,528 टन गेहूं की आवक हुई है, जब राज्य में खरीद प्रक्रिया शुरू हुई थी.
पिछले सीजन में पंजाब में 10 अप्रैल तक 81,519 टन गेहूं की आवक दर्ज की गई थी. बुधवार को सभी मंडियों में कुल आवक 1,105 टन थी जबकि पिछले साल 10 अप्रैल को एक दिन की आवक 60,456 टन थी. अधिकारियों का कहना है कि 23 जिलों में से 14 में आज तक गेहूं की कोई आवक नहीं हुई है. राज्य के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को कीटों के हमले की संभावनाओं से बचने के लिए कपास की बुआई 15 मई तक पूरी करने की सलाह दी है.
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