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RO Water: RO का पानी बना रहा है बीमार, जानिए सेहत के लिए कितना होना चाहिए TDS

RO Water: RO का पानी बना रहा है बीमार, जानिए सेहत के लिए कितना होना चाहिए TDS

हालिया शोध के मुताबिक आरओ की मदद से भले ही पानी शुद्ध हो जाता हो, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपकी सेहत को फायदा पहुंचाने वाले कई सारे जरूरी तत्व भी पानी से बाहर हो जाते हैं. इसकी वजह से आरओ से साफ किया हुआ पानी आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

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स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आरओ का पानी? स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आरओ का पानी?

आरओ (RO) के पानी के फायदे पर लोग आंख बंद कर भरोसा कर लेते हैं. हालांकि आरओ का पानी आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रहा है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि पानी की शुद्धता को बरकरार रखने के लिए फिल्टर के पानी का प्रयोग करना उचित है. लेकिन हालिया शोध के मुताबिक आरओ की मदद से भले ही पानी शुद्ध हो जाता हो, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपकी सेहत को फायदा पहुंचाने वाले कई सारे जरूरी तत्व भी पानी से बाहर हो जाते हैं. इसकी वजह से आरओ से साफ किया हुआ पानी आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है.

लखनऊ स्थित भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक सत्यकम पटनायक ने किसान तक को बताया कि हालिया शोध के मुताबिक 1000 टीडीएस तक पानी बड़े आराम से पिया जा सकता है. इसका सेहत पर नुकसान भी नहीं है. अगर पानी 1000 टीडीएस के ऊपर है तो इसको उबाल कर भी हम पी सकते हैं. एनजीटी ने भी अभी एक निर्देश जारी किया है. पानी का टीडीएस 500 से कम नहीं होना चाहिए लेकिन ज्यादातर आरओ बनाने वाली कंपनियां लोगों को भ्रमित करती हैं और टीडीएस को 100 से नीचे रखती हैं जो सेहत के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होता है. 

क्या होता है टीडीएस

टीडीएस का मतलब होता है टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स. आरओ कंपनियां टीडीएस को कम कर कर रखती हैं जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. पानी में घुले हुए तत्व जिनकी वजह से स्वाद खराब हो जाता है उनमें कैल्शियम, नाइट्रेट, आयरन, सल्फर और कार्बनिक यौगिक होते हैं. इनमें से कई तत्व सेहत के लिए जरूरी होते हैं लेकिन आरओ तकनीक के जरिए पानी को शुद्ध करने वाली झिल्ली इसे पूरी तरीके से निकाल देती है. शोध के अनुसार माना गया है कि पानी का टीडीएस 500 से कम हो तो पानी पिया जा सकता है. घर में टीडीएस को 65 से 70 रखा जाता है जो पूरी तरीके से गलत है. पीने के पानी का टीडीएस 350 पर सेट करें. प्रधान वैज्ञानिक भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान सत्यकम पटनायक ने बताया कि अगर टीडीएस 100 से नीचे है तो पानी में चीजों के घुलने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में प्लास्टिक की बोतल में इस तरह के पानी पीने से कैंसर का कारण भी बन सकता है. 

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सबसे कम टीडीएस से सेहत को खतरा

पानी के वैज्ञानिकों का कहना है कि घरों में ज्यादातर लोग अपने आरओ का टीडीएस 100 से नीचे रखते हैं जो बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. चिकित्सकों का भी मानना है कि पीने का पानी 100 से 400 के बीच होना चाहिए. अगर टीडीएस 100 के नीचे रहता है तो इससे शरीर को कई सारे खतरे होते हैं. पानी दुनिया की सबसे कीमती चीजों में से एक है. इसके स्वाद को बेहतर बनाने के लिए लोग वॉटर प्यूरीफायर या आरओ का इस्तेमाल करते हैं. 

पानी से बढ़ रहीं पेट की समस्याएं

जब भी प्यास लगने पर पानी पिया जाता है तो गुर्दे में रक्त से पानी को अवशोषित करने के लिए रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया होती है. आरओ का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब पानी खारा हो या 1000 टीडीएस की मात्रा से ज्यादा हो. जिन स्थानों पर पानी मीठा होता है वहां पर आरओ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए .आरओ के इस्तेमाल की वजह से हड्डियां न सिर्फ कमजोर हो रही हैं बल्कि पेट संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं. आरओ  का पानी पीने से पेट में ब्लोटिंग, सीने में जलन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं.