गेहूं की नई किस्म पीबीडब्ल्यू 872PBW 872 एक उच्च उपज देने वाली गेहूं की किस्म है जिसे उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में समय पर बुवाई और सिंचित परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है. पीएयू, लुधियाना की बनाई यह किस्म रतुआ रोग के प्रति प्रबल प्रतिरोधक क्षमता और बेहद अच्छी चपाती बनाने की क्षमता रखती है.
इस किस्म की खेती और अन्य जानकारी के लिए पीएयू की आधिकारिक जानकारी को पढ़ें. इस किस्म की खेती से संबंधित जानकारी के लिए कृषि एक्सपर्ट से भी संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी इसकी विस्तृत जानकारी मिल सकती है.
अपनी अधिक उपज क्षमता और पोषण से जुड़े लाभों के साथ, PBW 872 प्रोडक्शन और क्वालिटी दोनों चाहने वाले गेहूं किसानों के लिए एक पसंदीदा विकल्प है.
ग्वालियर में आयोजित अखिल भारतीय गेहूं अनुसंधान कार्यकर्ता बैठक में पीएयू की तीन गेहूं किस्में — PBW 826, PBW 872 और PBW 833 — पूरे भारत में सबसे अच्छा उत्पादन देने वाली किस्मों के रूप में सामने आईं.
आईसीएआर, नई दिल्ली के बैनर तले आयोजित ट्रायल में, "सिंचित समय पर बोई गई श्रेणी" के तहत PBW 826 ने NWPZ और NEPZ दोनों क्षेत्रों में अनाज उत्पादन में पहला स्थान हासिल किया. NEPZ में इसे 53.6 क्विंटल/हेक्टेयर की उपज मिली, जो DBW 222, HD 3386 और HD 3086 जैसी लोकप्रिय किस्मों से अधिक थी.
2022 में जारी PBW 826 अब पंजाब के लगभग 40% गेहूं क्षेत्र पर कब्जा कर चुकी है. किसान इस किस्म का भरपूर लाभ उठा रहे हैं और बंपर उपज हासिल कर रहे हैं.
PBW 872 न केवल अधिक उत्पादन देती है बल्कि इसकी क्वालिटी, रोग प्रतिरोधकता और पोषण मूल्य इसे कई उपयोग वाले बनाते हैं. बेहतर उत्पादन और उच्च क्वालिटी चाहने वाले किसानों के लिए यह किस्म एक सशक्त और लाभदायक विकल्प बनकर उभरी है.
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