कृषि मंत्रालय ने फसलों की बुआई का रकबा जारी कर दिया है. नई रिपोर्ट में चार अगस्त तक बुआई के रकबे की जानकारी दी गई है. आंकड़े के मुताबिक, चार अगस्त तक देश में 283 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है. इस तरह पहले से धान की रोपाई में नौ लाख हेक्टेयर से अधिक की तेजी दर्ज की गई है. हाल के दिनों में जिस तरह से बारिश बढ़ी है, उसे देखते हुए धान की रोपाई में भी तेजी दर्ज की जा रही है. दूसरी ओर, दालों की खेती का रकबा लगभग 11 लाख हेक्टेयर तक गिर गया है. इसमें अरहर का रकबा तीन लाख हेक्टेयर, उड़द का चार लाख हेक्टेयर और मूंग का ढाई लाख हेक्टेयर तक गिरा है.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अरहर का रकबा 37.38 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल इसी अवधि में इसका रकबा 40.58 लाख हेक्टेयर था. उड़द का रकबा 28 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल 32.49 लाख हेक्टेयर था. मूंग की खेती का रकबा 28.89 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल 31.47 लाख हेक्टेयर था. कुलथी दाल का रकबा 0.22 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल 0.18 लाख हेक्टेयर था. इस तरह कुलथी के रकबे में 0.04 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की जा रही है. अन्य दालों के रकबे में 0.76 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है.
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देश में मोटे अनाज यानी कि श्रीअन्न के रकबे में 1.77 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी है. अभी तक देश में 164.20 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की खेती हुई है जबकि पिछले साल यह रकबा 162.43 लाख हेक्टेयर था. इसमें ज्वार के रकबे में गिरावट दर्ज हुई है. बाजरा और रागी के रकबे में वृद्धि है. छोटे मिलेट्स के रकबे में मामूली गिरावट देखी जा रही है. मक्के के रकबे में 0.70 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी जा रही है. पिछले साल 75.44 लाख हेक्टेयर में मक्के की खेती हुई थी, लेकिन इस बार 76.14 लाख हेक्टेयर में मक्के की बुआई की गई है.
तिलहन की खेती में अच्छी स्थिति देखी जा रही है. इस साल अभी तक तिलहन के रकबे में 4.47 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल 175.10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुआई हुई थी जो अभी तक बढ़ कर 179.56 लाख हेक्टेयर हो गई है. मूंगफली के रकबे में 0.11 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है. सोयाबीन का रकबा 4.76 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. सूरजमुखी में 1.17 लाख हेक्टेयर की गिरावट है, तिल में 0.12 लाख हेक्टेयर की कमी और अरंडी में 1.23 लाख हेक्टेयर की तेजी है. गन्ने का रकबा 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़ा है जबकि जूट और मेस्टा का रकबा 0.39 लाख हेक्टेयर घटा है. कपास के रकबे में भी 1.73 लाख हेक्टेयर की गिरावट देखी जा रही है.
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गन्ने की जहां तक बात है तो अभी तक 56.06 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 54.67 लाख हेक्टेयर में खेती की गई थी. इस तरह अभी तक 1.39 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है. जिन प्रदेशों में गन्ने की अधिक खेती हुई है उनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और ओडिशा के नाम हैं. जिन प्रदेशों में गन्ने की कम खेती हुई है उनमें महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, हरियाणा, उत्तराखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम के नाम हैं.
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