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UP: देवरिया के इस शख्स ने लिया बड़ा संकल्प, बोला- 'पॉलीहाउस' से तीन गुना मुनाफा कमाएंगे किसान, जानें प्लान

UP: देवरिया के इस शख्स ने लिया बड़ा संकल्प, बोला- 'पॉलीहाउस' से तीन गुना मुनाफा कमाएंगे किसान, जानें प्लान

पॉलीहाउस में फसलों को नियंत्रित जलवायु परिस्थितियों में उगाया जाता है. इससे किसी भी सब्जी, फूल या फल की खेती पूरे साल की जाती है. चूंकि पॉलीहाउस में कवर्ड स्ट्रक्चर होता है, इसलिए बारिश, ओलावृष्टि इत्यादि का दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है. 

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देवरिया जिले के तिलई बेलवा के रहने वाले किसान कमलेश मिश्रा (फोटो- किसान तक) देवरिया जिले के तिलई बेलवा के रहने वाले किसान कमलेश मिश्रा (फोटो- किसान तक)

UP Farmers Story: खेती करने के तरीकों में आज काफी बदलाव आ गया है. किसान नई-नई तकनीक की मदद से पैदावार बढ़ाने में लगे हुए हैं. इन्‍हीं तकनीकों में एक है पॉलीहाउस खेती. इसी कड़ी में यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले कमलेश मिश्रा के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में किसान कमलेश मिश्रा ने बताया कि देवरिया के डीएम अखंड प्रताप सिंह के सहयोग से जिले में पॉलीहाउस की संख्या बढ़ाने के लिए किसानों को हम जागरूक कर रहे है. उन्होंने बताया कि दो साल पहले हमने अपने गांव में सरकारी अनुदान लेकर पॉलीहाउस की स्थापना की थी. जिसमें 43 लाख रूपये की लागत आई थी. इसमें 20 लाख रूपये उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान मिला था. मौजूदा समय में हम सब्जियों की खेती से सालाना 30 लाख रुपये से ऊपर का मुनाफा कमा रहे है.

इस साल 25 पॉलीहाउस की स्थापना का दावा

कमलेश बताते हैं कि हमारा संकल्प है कि इस साल 2024 में करीब 20 से 25 पॉलीहाउस की स्थापना जिले में किसान करेंगे. हम लोग बैंक द्वारा मिलने वाले लोन और अनुदान की जानकारी दे रहे है. कई किसानों ने पॉलीहाउस लगाने की सहमति दी है. उन्होंने बताया कि इससे किसानों की आय तीन गुना अधिक बढ़ जाएगी. पॉलीहाउस में फसलों को नियंत्रित जलवायु परिस्थितियों में उगाया जाता है. इससे किसी भी सब्जी, फूल या फल की खेती पूरे साल की जाती है. चूंकि पॉलीहाउस में कवर्ड स्ट्रक्चर होता है, इसलिए बारिश, ओलावृष्टि इत्यादि का दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है. 

किसानों से की बड़ी अपील

तिलई बेलवा के रहने वाले कमलेश मिश्रा बीकॉम की पढ़ाई की हैं. उन्हाेंने बताया कि पॉलीहाउस स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि इसमें बढ़-चढ़ कर आगे आएं और पॉली हाउसेज बनाएं. इसमें अलग-अलग साइज के पॉली हाउसेज बनते हैं, 500 स्क्वायर मीटर से 1000 स्क्वायर मीटर तक बना सकते हैं 

5 लाख रूपये की लागत से 30 लाख का मुनाफा

बता दें कि किसान कमलेश मिश्रा ने बीकॉम तक पढ़ाई की, लेकिन कई जगह नौकरी में अप्लाई करने के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली. तो उन्होंने खेती की तरफ रुख किया. गांव में ही उन्होंने पॉलीहाउस तकनीक से खेती करनी शुरू की. लोगों ने उन्हें शुरुआत में इस काम के लिए मना किया कि इसमें मुनाफा नहीं मिलने वाला है. लेकिन वह अपने दृढ़ संकल्प पर अड़े रहे. उन्होंने बताया कि इस साल वह केवल 5 लाख रूपये की लागत से 30 लाख का मुनाफा हुआ. 

पॉलीहाउस फार्मिंग के हैं बड़े फायदे

पॉलीहाउस खेती दरअसल ग्रीनहाउस खेती के कॉन्‍सेप्‍ट पर ही आधारित है. इसमें कांच की जगह पॉलीथीन का प्रयोग होता है. यह निवेश लागत को काफी कम कर देता है और ग्रीनहाउस खेती के समान ही रखता है. इससे रखरखाव और सेटअप की लागत भी कम हो जाती है. पॉलीहाउस खेती ने आज भारत समेत पूरी दुनिया के एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में तूफान ला दिया है. इस खेती की मदद से किसानों को जमीन के एक ही टुकड़े पर कई प्रकार के पौधों की खेती करने और उन्हें आसानी से बनाए रखने में मदद मिलती है. इसकी वजह से उन्हें बहुत अधिक समय या प्रयास खर्च किए बिना अधिक मुनाफा कमाने में मदद मिलती है.