यूपी के आगरा, अलीगढ़ मंडल में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. लेकिन, यहां के किसान आलू की खुदाई से पहले खुश भी हैं तो डरे हुए भी हैं. आलू की बात करते हुए किसान बहुत ज्यादा उत्साहित नजर आ रहे हैं. लेकिन बात करते-करते अगले ही पल मायूस हो जाते हैं. खुश इसलिए हैं कि बिना किसी परेशानी और बीमारी के आलू की फसल पककर तैयार है. पैदावार भी बंपर होने की उम्मीद है. लेकिन डर यह सता रहा है कि बंपर फसल होने पर आलू के रेट कहां जाएंगे. आगरा-अलीगढ़ के किसानों को डर इस बात का सता रहा है कि पूरी फसल के दौरान न तो बेमौसम बारिश हुई और न ही पाला पड़ा.
आलू की फसल को किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं लगी. ऐसा ही हाल फर्रुखाबाद और कन्नौज में रहा. फसल बंपर हुई. लेकिन, जब आलू मंडी में आया तो उसके भाव ठीक नहीं मिले. ऐसा ही कुछ आगरा-अलीगढ़ में न हो जाए यही सोचकर किसान डर रहे हैं.
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आगरा के आलू किसान और एक्सपोर्टर युवराज परिहार ने किसान तक को बताया कि आगरा और अलीगढ़ मंडल में देश के कुल उत्पादन का करीब 30 फीसद आलू होता है. आगरा मंडल के मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद और आगरा जिले में करीब 10 करोड़ तो अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज में लगभग 2.5 करोड़ पैकेट आलू (50 किलो का एक पैकेट) कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. गौरतलब रहे खेतों से बिकने के बाद जो आलू बचता है उसे कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. यहीं से पूरे साल आलू देश के दूसरे राज्यों समेत विदेशों को भी भेजा जाता है.
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हालांकि पूरी तरह से आलू की खुदाई शुरू होने में अभी वक्त है. बावजूद इसके कुछ जगहों पर आलू की खुदाई शुरू हो गई है. हाथरस के किसान विनोद ने बताया कि जो लोग 15 फरवरी से पहले आलू की खुदाई शुरू कर रहे हैं वो खेत से ही अपना आलू बेच रहे हैं. खेत से आलू 600 से 700 रुपये क्विंटल यानि 50 किलो का पैकेट 300 से 350 रुपये का बिक रहा है.
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