प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को चुनावी राज्य बिहार के पूर्णिया जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे. साथ वह यहां पर 36,000 करोड़ रुपये की डेवलपमेंट्स प्रोजेक्ट्स को भी लॉन्च करेंगे. इन योजनाओं में उत्तर बिहार के इस शहर में एक नए एयरपोर्ट टर्मिनल के उद्घाटन के अलावा मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का उद्घाटन भी है. इस बोर्ड की स्थापना की घोषणा इस साल की शुरुआत में केंद्रीय बजट में की गई थी. देश में मखाना या भारतीय मखाना के उत्पादन में बिहार का योगदान लगभग 90 प्रतिशत है. इसे प्रधानमंत्री ने अपने कई भाषणों में 'सुपर फूड' बताया है.
एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मखाना और बिहार का बहुत गहरा संबंध है. कल पूर्णिया से, राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ किया जाएगा् इससे इस क्षेत्र से जुड़े कई किसानों को लाभ होगा.' राष्ट्रीय मखाना बोर्ड एक नई सरकारी बॉडी है जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में की थी. इस बोर्ड की स्थापना भारत में मखाना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए की गई है. 100 करोड़ रुपये के शुरुआती बजट के साथ, यह बोर्ड मुख्य तौर पर बिहार में काम करेगा जहां भारत का 80 फीसदी से ज्यादा मखाना उत्पादित होता है.
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड प्रोसेसिंग और वैल्यु एडीशन में सुधार लाने में मदद करेगा. साथ ही प्रोसेसिंग क्षमताओं को भी बढ़ाएगा और मखाना से नए उत्पाद तैयार करेगा. इससे इसका बाजार मूल्य बढ़ेगा. इसके अलावा बोर्ड घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में मखाना को बढ़ावा देगा और 'सुपरफूड' के तौर पर इसकी बढ़ती प्रतिष्ठा का लाभ उठाएगा. वहीं बोर्ड के तहत मखाना किसानों को ट्रेनिंग, आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं तक पहुंच भी हासिल हो सकेगी. इसमें किसानों को किसान उत्पादक संगठनों (FPO) में संगठित करना शामिल है.
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड नई तकनीक के विकास के साथ उत्पादन को बढ़ावा देगा. कटाई के बाद के प्रबंधन को मजबूत करेगा, वैल्यु एडीशन को बढ़ावा देगा और मखाना के बाजार, निर्यात और ब्रांड विकास को आसान बनाएगा. इससे बिहार के अलावा देश के मखाना किसानों को लाभ होगा. यह बात ध्यान देने वाली है कि बिहार देश के कुल मखाना उत्पादन का करीब 90 फीसदी उत्पादन करता है. यहां के मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया जैसे कई प्रमुख जिले मखाना उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं क्योंकि इन जिलों की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी मखाना की बेहतर गुणवत्ता में योगदान करती है. बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से बिहार और देश में मखाना उत्पादन को काफी बढ़ावा मिलेगा. इस क्षेत्र में ग्लोबल नक्शे पर बिहार की उपस्थिति मजबूत होगी.
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