किसान पपीते की खेती से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं पपीता एक फल है जिसकी बाज़ार में हमेशा मांग बनी रहती हैं. ऐसे में किसान पपीते की अच्छी किस्म से खेती कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा कमा सकते हैं.जुलाई से सितंबर का महीना पपीते की खेती शुरू करने का सबसे सही समय कहा जाता है. ये समय बीज बोने का होता है. ऐसे में किसान शुरू में ही सही बीजों का चयन कर पैदावार के साथ-साथ अपना मुनाफा भी बढ़ा सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा पपीते की कुछ किस्में विकसित की गई है जिन्हें एक बार लगाने से 2 से 3 साल तक फल प्राप्त कर सकते हैं. जानिए पपीते के ऐसे किस्मों के बारे में जिसे खेती कर किसान अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1981 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल मध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म से 30 – 35 किलो ग्राम फल प्राप्त होता है. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 92 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है.
इस किस्म को पपीते की सबसे बेहतरीन किस्मों में से एक मानी जाती है. यह उभयलिंगी प्रकृति की किस्म है. कम लंबाई (60-70 सेमी). पर ही इसमें फल लगने शुरू हो जाते हैं. यह उभयलिंगी है, इसलिए इसका बीज-उत्पादन करना आसान है. इसके फल का औसतन वजन 900-1200 ग्राम तक होता है और गुणवत्ता अच्छी होती है.
ये भी पढ़ें- Tomato Price: ऐसा क्या हुआ कि एक ही महीने में जमीन से आसमान पर पहुंचा टमाटर का दाम?
पपीते की यह किस्म से 55 – 56 किलो ग्राम फल का उत्पादन मिलता है. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म की भंडारण क्षमता बहुत अधिक होती है.किसान इस किस्म की खेती अधिक
पपीते की यह किस्म वैज्ञानिकों द्वारा 1986 में विकसित की गई थी. इस किस्म के फल माध्यम और छोटे आकार के होते हैं. इसकी खासियत यह है कि इस किस्म से 40 – 45 किलो ग्राम फल प्राप्त हो सकते हैं. जब इस किस्म के पौधे जमीन से 80 से.मी बड़े हो जाते है, तब फल लगने की क्रिया शुरू हो जाती है. इस किस्म के पौधे की लम्बाई 216 सेंटीमीटर होती है.
इस प्रजाति के पौधे छोटे होते हैं, जैसा नाम से ही प्रतीत हो रहा है. फल अंडाकार होते हैं जिसका वजन 1.0 से 2.0 किलोग्राम तक होता है. पैदावार 40 से 50 किलोग्राम प्रति पौधा है. सघन बागवानी के लिए सबसे बेहतरीन किस्म है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today