मध्य प्रदेश ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 में अब तक 45.61 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया है. यह लगभग 2021-22 के बराबर है. पिछले साल 45.83 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा गया था. अभी तीन दिन धान की खरीद और चलेगी, जिससे खरीद का ग्राफ और बढ़ेगा. सूबे के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल ने शुक्रवार को मंत्रालय में धान खरीद की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में धान का उत्पादन नहीं है वहां चावल भेजने के बदले धान भेजा जाएगा. इससे जहां एक ओर परिवहन एवं समय की बचत होगी वहीं दूसरी ओर संबंधित जिले में धान मिलर्स को भी काम मिल सकेगा.
सिंह ने बताया कि सूबे में धान की खरीद 28 नवंबर से शुरू हुई थी. जबकि यह प्रक्रिया 16 जनवरी तक चलेगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष सर्वाधिक धान खरीद वाला जिला बालाघाट रहा है. जहां 5 लाख 38 हजार 554 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ. प्रदेश में अभी धान का उर्पाजन शेष है. उन्होंने बताया कि इस साल सितंबर तक 45.61 लाख मीट्रिक टन मिलिंग का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने धान मिलिंग की दर 10 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है. राज्य शासन द्वारा धान मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिए मिलर्स को 50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त भुगतान किया जाता है. सिंह ने कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप प्रदेश में धान मिलर्स को प्रोत्साहित करने के मकसद से नई धान मिल लगाने के लिए राज्य सरकार सब्सिडी प्रदान करती है.
खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने बताया कि मिलर्स को अपनी धान मिल से 185 किलो मीटर तक के परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति निश्चित दर पर राज्य शासन करेगा. इससे अधिक दूरी के लिए परिवहन व्यय भार मिलर को खुद भुगतान करना होगा. राज्य शासन द्वारा ऐसे जिलों में जहां धान का उपार्जन नहीं है वहां आवश्यकता से अधिक उत्पादन वाले जिलों से धान भेजा जाएगा.
उमराव ने बताया कि राज्य शासन धान मिलिंग एवं ब्लेंडिंग क्षमता में वृद्धि के लिए सतत प्रयासरत है. प्रदेश में 729 राईस मिल हैं, जिनमें से 464 मिलों में ब्लेंडिंग यूनिट स्थापित है. शेष मिलों में ब्लेंडिंग यूनिट लगाए जाने का काम चल रहा है. फोर्टिफाइड राईस के निर्माण में एफआरके की व्यवस्था के लिए मिलर्स को तीन माह की अनुमति दी गई है. नई मिल स्थापना के लिए 8 जिलों में 5 लाख 75 हजार मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाली कुल 16 राईस मिल का प्रावधान है.
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