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इस राज्य में बेमौसम बारिश से ज्वार, मक्का और धान की फसल बर्बाद, किसानों ने सरकार से की ये बड़ी मांग

इस राज्य में बेमौसम बारिश से ज्वार, मक्का और धान की फसल बर्बाद, किसानों ने सरकार से की ये बड़ी मांग

तलमदुगु और लक्ष्मणचंदा के किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी मक्का और ज्वार की फसलें, जिनकी अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई. बेमौसम बारिश से उच्च आर्द्रता का स्तर कम हो गया है.

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बारिश से धान की फसल चौपट. (सांकेतिक फोटो) बारिश से धान की फसल चौपट. (सांकेतिक फोटो)

तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि मौसम की मार से सबसे अधिक ज्वार, मक्का और धान की बर्बादी हुई है. प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, अकेले तलमदुगु मंडल में लगभग 1,200 एकड़ की फसलें बारिश से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिला कृषि अधिकारी पुलैया और कांग्रेस तलमदुगु मंडल जेडपीटीसी के सदस्य गोका गणेश रेड्डी के नेतृत्व में कृषि कर्मचारियों ने तलमदुगु मंडल के बारमपुर, पाली बी और पल्ली के में क्षतिग्रस्त फसलों का निरीक्षण किया. गणेश रेड्डी ने जिला कलेक्टर राजर्षि शाह को एक आवेदन सौंपकर मांग की कि फसल नुकसान का सर्वे कराया जाए, ताकि सरकार मुआवजा जारी कर सके.

तलमदुगु और लक्ष्मणचंदा के किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी मक्का और ज्वार की फसलें, जिनकी अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, बेमौसम बारिश से भारी नुकसान हुआ. उन्होंने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई. बेमौसम बारिश से उच्च आर्द्रता का स्तर कम हो गया है. स्थानीय मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां दिन के तापमान में वृद्धि हुई है, वहीं बारिश के बाद शाम को ठंडक का असर देखने को मिल रहा है. बेला, जयनाथ, आदिलाबाद, तामसी और तलमदुगु मंडलों में भारी वर्षा हुई है. इसके अतिरिक्त, निर्मल, मनचेरियल और कुमुरामभीम आसिफाबाद जिलों में फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं. वहीं, आईएमडी ने आने वाले दिनों में और बारिश की भविष्यवाणी की है.

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सिंचाई के अभाव में सूख रही हैं फसलें 

उधर नलगोंडा सहित कई जिलों में सिंचाई के अभाव में लाखों एकड़ में फसलें सूख रही हैं. कृषि अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण जिले में लगी आधी फसल सूख गयी है. नलगोंडा जिले में 4,20,523 एकड़, सूर्यापेट में 3,82,106 एकड़ और यदाद्री भुवनगिरी जिले में 2,91,767 एकड़ में धान और अन्य वाणिज्यिक फसलों की खेती की गई थी. उनका कहना है कि इसमें से नलगोंडा और सूर्यापेट जिलों में खेती की गई आधी फसलें और यदाद्री भुवनगिरी जिले में एक चौथाई फसलें सूख गई हैं.

इस परियोजना पर निर्भर हैं किसान

पांच से 10 अतिरिक्त बोरवेल खोदने के बाद भी किसान अपनी फसलों को सूखने से नहीं बचा पा रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मुसी जलग्रहण क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले यदाद्री भुवनगिरी जिले के कुछ हिस्सों में लगाई गई फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. नलगोंडा जिले के किसान अपनी पानी की जरूरतों के लिए मुख्य रूप से नागार्जुन सागर परियोजना पर निर्भर हैं, जबकि सूर्यपेट में उनके समकक्ष कालेश्वरम परियोजना के पानी पर निर्भर हैं और यदाद्री के किसान मुसी नहरों से पानी लेते हैं. पिछले 15 वर्षों से, राज्य में भारी बारिश और परियोजनाओं में प्रचुर पानी के कारण, तत्कालीन नलगोंडा जिले के किसानों ने भूमि पर खेती की और वांछित उपज प्राप्त की.

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