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गर्मी में गेहूं की फसल को आग से बचाएगा ये अचूक तरीका, किसानों के लिए एडवाइजरी, जानें Fire एक्सपर्ट की राय

गर्मी में गेहूं की फसल को आग से बचाएगा ये अचूक तरीका, किसानों के लिए एडवाइजरी, जानें Fire एक्सपर्ट की राय

झांसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले खड़ी फसलों में आग लगने के आते हैं. झांसी जिले में अब तक 25-30 घटनाएं गेंहू की खड़ी फसलों में आग लगने की सामने आई हैं. 

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 प्रदेश में अब तक हजारों बीघा गेहूं की फसल आग की चपेट में आकर राख हो चुकी है. (File Photo) प्रदेश में अब तक हजारों बीघा गेहूं की फसल आग की चपेट में आकर राख हो चुकी है. (File Photo)

UP News: गर्मी के इस मौसम में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक में इस अवधि में आग लगने की घटनाएं बड़ी संख्या में दर्ज की जाती हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. गर्मी के मौसम में तेज लू से आग की आशंका और बढ़ जाती है. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में झांसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले खड़ी फसलों में आग लगने के आते हैं. झांसी जिले में अब तक 25-30 घटनाएं गेंहू की खड़ी फसलों में आग लगने की सामने आई हैं. 

हाई टेंशन लाइन के नीचे खेती करने से बचें

उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो किसान इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपके खेत के किसी हिस्से से हाई टेंशन लाइन गुजर रही है तो वहां खेती करने से बचें. अगर यह नहीं कर पा रहे हैं तो बिजली विभाग से बात कर तारों के बीच में गैप बना रहे उसके लिए इंतजाम करवाएं.  राजकिशोर राय  ने कहा कि यह बात भी सामने आई है कि कई बार कृषि मशीनों से निकलने वाली चिंगारी भी बड़े आग का रूप ले लेती है. तेज धूप और शुष्क मौसम के कारण हल्की सी चिंगारी भी बड़े आग की घटना में बदल जाती है. 

पराली की चिंगारी से दूसरे खेतों में लग सकती है आग

सीएफओ राजकिशोर राय ने कहा कि किसान भाई खेतों में पराली जलाने से भी बचें. पराली को भूसे में परिवर्तित करने पर जोर दें. एक खेत में जलने वाली पराली की चिंगारी दूसरे खेत में भी आग लगा सकती है. किसान खेत के पास बीड़ी सिगरेट और कूड़ा जलाने से भी बचें. अगर किसान इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आग की घटनाओं में कमी आ सकती है. उन्होंने बताया कि गांव से सटी हुए सड़क पर अगर कोई होटल और ढाबा है, तो वहां पर लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि आग की राख गढ़े में डालकर उसमें पानी डाल दें, जिससे तेज हवा के कारण उसकी चिंगारी खेतों तक ना पहुंच सकें. 

थ्रेशर मशीन से निकलती चिंगारी

मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय बताते हैं कि खेतों में थ्रेशर मशीन से गेहूं की फसलों की कटाई कुछ किसान करते है, उस दौरान चिंगारी निकली है. किसानों को कटी हुई फसलों को खेतों से दूर रखना चाहिए. जिससे चिंगारी से निकलने वाली आग की चपेट में नहीं आए. दरअसल सबसे बड़ी समस्या है कि वह किसी प्वाइंट पर आग बुझाते हैं तो दूसरी जगह आग लगने की सूचना मिल जाती है. वो चाहते हैं कि आग पूरी तरह से बुझाने के बाद ही गाड़ी जाए. पर कई बार ऐसा कर पाना संभव नहीं हो पाता.

किसानों के लिए एडवाइजरी 

मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय का कहना है कि मशीनों के ऐसे हिस्से जहां से चिंगारी निकल सकती है, उन हिस्सों में ग्रीस लगाने से मदद मिल सकती है. विभाग ने यह भी कहा है कि जिन क्षेत्रों में गेहूं की फसल पक कर सूख गई है और कटाई के लिए तैयार है, उन क्षेत्रों में किसान बिजली के ट्रांसफार्मर को बंद करने कर दें. क्योंकि बिजली रहने से किसी भी शॉर्ट सर्किट से आग भी लग सकती है. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने खेतों की सिंचाई की तुलनात्मक रूप से कोई आवश्यकता नहीं है और ऐसे में ट्यूबवेलों को बिजली की आपूर्ति करने वाले ट्रांसफार्मर बंद किए जा सकते हैं.  

देवरिया में किसान की जलकर मौत

बीते 19 अप्रैल को यूपी के देवरिया में एक किसान की जलकर मौत हो गई.  बताया जा रहा है कि गेहूं के खेत में आ लग गई और पछुवा हवाओं के चलने से आग फैलती चली गई. जिसकी वजह से कई इलाकों की सैकड़ों बीघा गेंहू की खड़ी फसल जलकर राख हो गई. गौरा गांव के एक किसान शंकर शुक्ला ने आग को बुझाने का प्रयास किया. लेकिन वो उसमें बुरी तरह से झुलस गए मौके पर मौजूद ग्रामीण उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे पर उनकी मौत हो गई. आपको बता दें कि पूरे प्रदेश में अब तक हजारों बीघा गेहूं की फसल आग की चपेट में आकर राख हो चुकी है. वहीं राजस्व विभाग खेतों का सर्वे करके मुआवजे की कार्यवाही को आगे बढ़ रही है.