निजी व्यापारियों द्वारा एमएसपी से अधिक मूल्य पर गेहूं की खरीदारी हो रही है, जिसकी वजह से किसान पैक्स में गेहूं नहीं बेच रहे हैं. लेकिन सहकारिता विभाग यह प्रयास में लगा है कि धान की तरह बड़े पैमाने पर गेहूं की खरीदारी की जाए. यह बातें सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने उस समय कही है, जब एक महीना का समय बीत जाने के बाद भी गेहूं की खरीदारी करीब 1400 टन से अधिक नहीं हो पाई है. हालांकि, विभाग किसानों से अधिक गेहूं खरीदने के लिए नए प्रस्ताव लेकर आया है, जिसमें अब गेहूं भंडारण के लिए किसानों को बोरी खरीद कर देने की योजना है.
बता दें कि अभी तक किसान पैक्स में आकर गेहूं की बिक्री करते थे. लेकिन अब किसान के खेत या खलिहान से ही गेहूं की खरीदारी की जाएगी. इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है. वहीं, राज्य के कुछ ऐसे भी पैक्स हैं, जहां अभी तक एक क्विंटल भी गेहूं की खरीदारी नहीं हो पाई है. विभाग के सचिव का कहना है कि किसान जिस तरह से खरीफ सीजन में धान पैक्स को बेचते हैं. उसी तरह रबी सीजन में गेहूं की बिक्री में भी रुचि दिखाएं. वहीं आने वाले दिनों में गेहूं की खरीदारी के ग्राफ में इजाफा होने की उम्मीद है.
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राज्यभर में गेहूं की खरीदी 15 मार्च से शुरू हो गई है, जो 15 जून तक चलेगी. इस समय अवधि में कुल 6 लाख टन गेहूं की खरीदारी पैक्स, व्यापार मंडल, भारतीय खाद्य निगम, नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा की जानी है. जिसमें से साढ़े तीन लाख टन पैक्स और व्यापार मंडल को करनी है. लेकिन अभी तक इनके द्वारा खबर लिखने तक 428 किसानों से करीब 1394.834 एमटी गेहूं की खरीदारी हो पाई है. वहीं साढ़े तीन लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य 5,763 सोसायटियों को दिया गया है. जहां अभी तक सबसे अधिक खरीदारी रोहतास जिले में 98.800टन हुई है. जबकि सबसे कम खगड़िया जिला में 0.500 टन हो पाई है.
गेहूं की धीमी खरीदारी को लेकर सहकारिता विभाग के सचिव संतोष कुमार मल्ल कहते है कि अभी पूरे राज्य में गेहूं की कटाई 70 प्रतिशत के आसपास हुई है. बाजार में गेहूं अभी कम है. लेकिन जब गेहूं की कटाई पूरी हो जाएगी, उसके बाद बाजार में गेहूं के दाम नीचे आयेंगे. तब किसान सरकारी रेट पर पैक्स व व्यापार मंडल को गेहूं बड़े पैमाने पर बेचने आयेंगे.
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