रासायनिक के मुकाबले जैव‍िक खेती है ज्‍यादा फायदेमंद, मिट्टी और इंसानों दोनों की सेहत में होगा सुधार

रासायनिक के मुकाबले जैव‍िक खेती है ज्‍यादा फायदेमंद, मिट्टी और इंसानों दोनों की सेहत में होगा सुधार

भारत में अब लोग सेहत को लेकर जागरूक हो रहे हैं. ऐसे में जैविक खेती से उत्‍पन्‍न उत्‍पादों की मांग बढ़ रही है. ऐसे में जैवि‍क उत्‍पाद महंगे बिक रहे हैं. वहीं रासायनिक खाद से पैदा अनाज से कई बीमार‍ियों का खतरा रहता है. वहीं, मिट्टी की सेहत पर भी केमिकल्स का बुरा असर पड़ता है.

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रासायनिक के मुकाबले जैव‍िक खेती है ज्‍यादा फायदेमंद, मिट्टी और इंसानों दोनों की सेहत में होगा सुधारअब रासायनिक खादों का कम होगा इस्तेमाल. (सांकेतिक फोटो)

 

भारत में कीटनाशकों का उपयोग फसलों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव काफी चिंताजनक हैं. कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जैविक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किसानों के लिए एक सकारात्मक दिशा में कदम है. जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य को भी सुधारता है. इससे किसानों को स्थायी और सुरक्षित कृषि पद्धतियों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है.

जैव‍िक खेती पर जोर दे रहे पीएम मोदी 

भारत में कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों का उपयोग एक आम बात हो गई है, लेकिन इसके साथ ही यह एक बड़ा खतरा भी है. कीटनाशकों का उपयोग फसलों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी बहुत गंभीर हो सकते हैं. इस पर हमारी सरकार भी लगातार काम कर रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने भाषण  में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया.   

पीलीभीत में किसान ने अपनाई जैवि‍क खेती

जैविक खेती और कीटनाशकों के साथ खेती में कितना फर्क हैं, कितना खर्चा आता हैं इसको और बेहतर समझने के लिए हमने पीलीभीत के जैविक खेती करने वाले किसान उपेन्द्र त्रिवेदी से बात की. उन्होंने जैविक या रासायनिक खेती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि‍ जैविक खेती करना शुरू में थोड़ा मुशकिल है, मगर यह आप के लिए और आपके खेत के लिए दोनों के लिए बहुत बेहतर है. 

सेहत के लिए अच्‍छे हैं जैवि‍क खेती से प्राप्‍त उत्‍पाद

उपेन्द्र ने बताया कि अगर हम एक एकड़ में जैविक खेती करना शुरू करते हैं तो पहले तो हमे वह जमीन दो से तीन साल तक खाली छोड़नी पड़ेगी, ताकि‍ उसमे मौजूद रसायन निकल सकें. वह आगे बताते हैं जैविक खेती करना रासायनिक खेती से महंगी है. अगर आप रासायनिक खेती में 10 से 15 हजार तक खर्च करते हैं तो जौविक में आपको 20 से 22 हजार तक का खर्च आएगा. वहीं, जैविक खेती में आपको उपज रासायनिक खेती के मुकाबले कम देगी. अगर रासायनिक खेती में आपको 100 किलो उपज दे रही है तो जैविक आपको 65 से 70 किलो ही उपज देगी.

मगर यह अनाज आपकी सेहत के लिए लिए फायदेमंद है. बता दें कि जैवि‍क खेती में उपज शुरूआत में भले ही थोड़ी घट जाए, लेकिन कुछ सालों बाद यह बढ़कर सामान्‍य हो जाती है. हालांकि, जैवि‍क उत्‍पादों की बिक्री काफी महंगी होती है. शहरी क्षेत्रों में जैव‍िक खेती से उत्पन्‍न उत्‍पादों की भारी मांग रहती है. ऐसे में सामान्‍य उपज के मुकाबले जैवि‍क उत्‍पादों की कीमत ज्‍यादा होती है और अच्‍छा मुनाफा हासिल होता है.

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