Onion Variety: प्रति हेक्‍टेयर 253 क्विंटल पैदावार दे सकती है प्‍याज की यह किस्‍म, जानिए क्‍यों है खास

Onion Variety: प्रति हेक्‍टेयर 253 क्विंटल पैदावार दे सकती है प्‍याज की यह किस्‍म, जानिए क्‍यों है खास

प्‍याज की किस्‍म DOGR-HT-4 में कुल घुलनशील ठोस (TSS) की मात्रा अधिक है, जो रबी मौसम के दौरान फसल की गुणवत्ता के लिए लाभदायक है. यह कमर्शियल उत्‍पादन के लिहाज से भी बहुत बढ़‍िया, जो प्रति हेक्‍टेयर 253 क्विंटल पैदावार देने में सक्षम है.

Advertisement
प्रति हेक्‍टेयर 253 क्विंटल पैदावार दे सकती है प्‍याज की यह किस्‍म, जानिए क्‍यों है खासDOGR HT 4 Onion

महाराष्‍ट्र के पुणे में स्थित‍ आईसीएआर-प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, राजगुरुनगर ने रबी सीजन के लिए सफेद प्‍याज की खास किस्‍म बनाई है. प्‍याज की इस किस्‍म का नाम DOGR-HT-4 है. इस किस्‍म में कुल घुलनशील ठोस (TSS) की मात्रा अधिक है, जो रबी मौसम के दौरान फसल की गुणवत्ता के लिए लाभदायक है. यह कमर्शियल उत्‍पादन के लिहाज से भी बहुत बढ़‍िया, जो प्रति हेक्‍टेयर 253 क्विंटल पैदावार देने में सक्षम है. इसके बल्ब का रंग सफेद और चपटा गोलाकार होता है.

इन जिलों में उगा सकते हैं यह किस्‍म

DOGR-HT-4 में TSS 16° ब्रिक्स से ज्‍यादा है, जो बल्ब में शुगर और गुणवत्ता के उच्च स्तर को बताता है. यह किस्‍म रबी मौसम के लिए एकदम उपयुक्त है. कृषि वैज्ञानिक जोन- 5 यानी जूनागढ़, नासिक, राहुरी और पुणे और जोन-6 यानी बागलकोट, बेंगलुरु, कोयंबटूर और धारवाड़ में इसकी खेती करने की सिफारिश करते हैं. यह किस्‍म इन क्षेत्रों की मिट्टी और जलवायु के बिल्‍कुल अनुकूल है और किसानों को यहां बंपर उत्‍पादन मिलेगा.

प्‍याज की अन्‍य किस्‍में

DOGR-RGP-3 किस्म

प्याज की DOGR-RGP-3 किस्म दिखने में एकदम लाल और ग्लोब आकार की होती है. इसमें डबल्स और बोल्टर्स जैसी समस्‍या नहीं होती है. सबसे खास बात यह है कि यह किस्‍म भंडारण के लिहाज से काफी बेहतर है, क्‍योंकि इसे 2-3 महीने आराम से भंडारण कर रखा जा सकता है. साथ ही यह बंपर पैदावार देने में सक्षम है, इससे 207 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार हासिल की जा सकती है.

100 दिन में पक जाती है फसल

DOGR-RGP-3 की फसल 100-105 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. यह किस्‍म खरीफ सीजन के लिए उपयुक्‍त है. कृ‍षि‍ वैज्ञानिक इस किस्‍म की खेती जबलपुर, रायपुर, चिंपलिमा, अकोला और झालावाड़ में करने की सिफारिश करते हैं, क्‍योंकि यह इन क्षेत्रों के लिहाज से बहुत ही अनुकूल है. इस किस्‍म को भी आईसीएआर-डायरेक्टरेट ऑफ अनियन एंड गार्लिक रिसर्च राजगुरुनगर, पुणे महाराष्ट्र ने बनाया है.

DOGR-1625 किस्‍म

प्याज की DOGR-1625 किस्‍म बंपर पैदावार के लिए बनाई गई है, जो सुर्ख लाल रंग की होती है और इसका आकार ग्लोब की तरह होता है. इस किस्म में भी डबल्स और बोल्टर्स की समस्‍या नहीं पाई जाती है. इस बीमारी के कारण प्याज के कंद नहीं बन पाते हैं और इसकी जगह फूल उग जाते हैं और बीज बनना शुरू हो जाते हैं.

खरीफ सीजन के लिए उपयुक्‍त है किस्‍म

DOGR-1625 प्याज 217 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देने में सक्षम है, जिसे पकने में 105-110 दिनों का समय लगता है और यह किस्म खरीफ सीजन में खेती के लिए उपयुक्‍त है. इसे जबलपुर, रायपुर, चिंपलिमा, अकोला और झालावाड़ में उगाने की सिफारिश की जाती है. इस किस्‍म को आईसीएआर-प्याज और लहसुन रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे ने तैयार किया है.

POST A COMMENT