Onion Subsidy: अब तक नहीं मिला फरवरी- मार्च की प्याज सब्सिडी का पैसा, सरकार के रवैये से परेशान हुए किसान

Onion Subsidy: अब तक नहीं मिला फरवरी- मार्च की प्याज सब्सिडी का पैसा, सरकार के रवैये से परेशान हुए किसान

दाम में भारी गिरावट के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बजट सत्र में 200 क्विंटल की सीमा के भीतर 350 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने की घोषणा की थी. लेकिन यह सब्सिडी सिर्फ फरवरी और मार्च के लिए मान्य थी, जबकि जनवरी और अप्रैल-मई में भी दाम बहुत कम था. सब्सिडी लेने के लिए इतनी शर्तें लगाई गईं ज्यादातर किसान इसके दायरे से बाहर हो गए और जिन्होंने आवेदन किया उनको अब तक पैसा नहीं मिला है. 

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Onion Subsidy: अब तक नहीं मिला फरवरी- मार्च की प्याज सब्सिडी का पैसा, सरकार के रवैये से परेशान हुए किसानकिसानों को मिलेगा प्याज पर सब्सिडी ( photo kisan tak )

एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाकर प्याज किसानों की उम्मीदों पर केंद्र सरकार ने पानी फेर दिया है तो उधर, उत्पादकों को राज्य सरकार की बेरुखी का भी सामना करना पड़ रहा है. ताज्जुब की बात यह है कि किसानों को राहत देने के घोषित की गई फरवरी और मार्च की प्याज सब्सिडी का पैसा किसानों को अब तक नहीं मिला है. अब कहा जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा घोषित प्याज सब्सिडी 4 सितंबर को किसानों के बैंक खाते में जमा होने की संभावना है. किसान सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं.

जनवरी महीने में प्याज की कीमतों में गिरावट के बाद राज्य सरकार ने बजट सत्र में 200 क्विंटल की सीमा के भीतर 350 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने की घोषणा की थी. लेकिन यह सब्सिडी सिर्फ फरवरी और मार्च के लिए मान्य थी जबकि जनवरी और अप्रैल मई में भी दाम बहुत कम था. सब्सिडी लेने के लिए इतनी शर्तें लगाई गईं ज्यादातर किसान इसके दायरे से बाहर हो गए और जिन्होंने आवेदन किया उनको अब तक पैसा नहीं मिला है. 

केंद्र और राज्य सरकार के रवैये से परेशान हैं किसान

महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि किसान प्रकृति से ज्यादा राज्य सरकार और केंद्र सरकार के रवैये से परेशान हैं. केंद्र सरकार ने पहली बार प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाकर सीधे किसानों की जेब पर प्रहार किया है तो राज्य सरकार ने अब तक फरवरी की सब्सिडी भी नहीं दी है. जबकि दोनों सरकारें खुद को किसान हितैषी बताती हैं. अगर यह काम किसान हितैषी सरकारों का है तो किसानों की दुश्मन सरकारें किस तरह का व्यवहार करेंगी. 

क्या मिलेगी सब्सिडी की पूरी रकम?

बताया गया है कि राज्य के वित्त विभाग ने मार्केटिंग विभाग को प्याज सब्सिडी की कुल मांग का केवल 53 प्रतिशत आवंटित किया है. यह राशि 465 करोड़ 99 लाख है. सिर्फ इतनी ही रकम रही तो अधिकांश किसान सब्सिडी से वंचित रह जाएंगे. इसलिए मार्केटिंग विभाग ने सभी पात्र किसानों को 857 करोड़ रुपये का तत्काल वितरण करने की मांग की है. प्याज उत्पादक किसानों द्वारा मार्केटिंग विभाग को 3 लाख 44 हजार आवेदन जमा किए गए हैं. इन किसानों के लिए 857 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है. वित्त विभाग से पूरी राशि की मांग की गई है और अगले दो दिनों में इसके मिलने की संभावना है. 

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सिर्फ 13 जिलों को पूरी रकम मिलेगी

विभाग को राज्य के 23 जिलों से प्याज सब्सिडी की मांग के प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से 13 जिलों में सब्सिडी की मांग मामूली है. जबकि शेष 10 जिलों की मांग 10-10 करोड़ रुपये से अधिक है. चूंकि 13 जिलों की मांग बहुत कम है, उनमें सब्सिडी की पूरी रकम दी जाएगी. बाकी में अभी कटौती हो सकती है. फिलहाल, आवेदनों की जांच कर उन्हें सॉफ्टवेयर पर अपलोड करने के बाद तीन दिन के अंदर सब्सिडी के लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार कर दी जाएगी. देखना यह है कि सरकार सितंबर में प्याज सब्सिडी की रकम दे पाएगी या फिर किसानों को इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा.

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