
प्याज का गिरा दामरसोई की शान प्याज ने एक बार महंगे दामों की वजह से सरकार गिरा दी थी, लेकिन इस बार प्याज के सस्ते दाम किसानों को खून के आंसू रुला रहे हैं. मायूस किसान सब्जी मंडी में प्याज बेचने के बजाय खेतों में ही खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हो रहे हैं. हरियाणा से लेकर पड़ोसी राज्य राजस्थान के साथ लगते जिलों का प्याज़ उत्पादक किसान इन दिनों बेहद परेशान है, जिस प्याज के अच्छे भाव मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी हो जाती थी. अब वही प्याज किसान की लागत तक नहीं निकल पा रही है, जिससे किसान काफी परेशान हैं.
हरियाणा के नूंह जिले के किसान राज़ुद्दीन और हबीब प्रधान घाघस ने बताया कि किसान एक एकड़ प्याज में तकरीबन 1 लाख रुपये तक की लागत आते हैं, जिसमें किसानों को दवाई से लेकर सिंचाई तक में अच्छी खासी रकम खर्च करनी पड़ती है. किसान को भाव अच्छा मिलता है तो उसकी जेब दाम से भर जाती है और घर में भी खुशहाली आती है. लेकिन बीते साल प्याज के दाम तकरीबन 30 रुपये प्रति किलो तक किसानों को मिले थे, जिसकी वजह से उनके चेहरे पर रौनक चली गई.

उन्होंने बताया कि इस बार अच्छी क्वालिटी की प्याज के भी महज 10 रुपये प्रति किलो के भाव ही मिल रहा है. किसानों ने कहा कि प्याज की खेती में काफी मेहनत लगती है और उसके बाद उसे मंडी तक ले जाने के ट्रांसपोर्ट का भी खर्च आता है. ऐसे में फसल के दाम न मिलने से अब उसकी भरपाई तक भी नहीं हो पा रही है, जिन किसानों ने प्याज बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के बड़े सपने देखे थे और प्याज बेचकर अपनी बेटियों के हाथ पीले करने तक के सपने संजोए थे, उनके सपने अधूरे रह गए. इस बीच, किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार से प्याज़ उत्पादक किसानों की भरपाई करने की अपील की.
आपको बता दें कि हरियाणा का नूंह जिला प्याज उत्पादन करने में प्रदेश में सबसे अव्वल है. बरसाती प्याज हरियाणा के नूंह जिले की धरती पर अच्छी खासी उत्पादन होती है, जिसका क्वालिटी में कोई मुकाबला नहीं है. इस प्याज को एनसीआर की मंडियों में अच्छा खासा पसंद किया जाता है. यहां के किसान हरी पत्तों वाली प्याज से लेकर सूखी प्याज को एनसीआर की मंडियों में ले जाकर अच्छे खासे पैसे कमाते हैं, लेकिन इस बार भाव ने उनको पूरी तरह से हिला कर रख दिया है.
कुल मिलाकर रसोई की शान प्याज अब किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. लेकिन आम आदमी की रसोई में इस बार प्याज के दाम कम होने की वजह से आसानी से ग्राहकों को अब सब्जी मंडी में महज 25 रुपए प्रति किलो अच्छी क्वालिटी की प्याज मिल रही है. प्याज किसानों के लिए भले ही घाटे का सौदा साबित हो लेकिन आम आदमी के लिए प्याज के दाम राहत लेकर आए हैं. प्याज उत्पादक किसानों ने सरकार से मांग की है कि प्याज के दाम बढ़ाए जाएं वरना उन्हें उसकी भरपाई की जाए, ताकि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट ना खड़ा हो. बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले में तकरीबन 6000 हेक्टेयर भूमि में प्याज की खेती होती है, लेकिन इस बार प्याज उत्पादक हजारों किसान मायूस हैं. (कासिम खान की रिपोर्ट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today