प्याज की निर्यात बंदी के तीन महीने पूरे होने वाले हैं. इन तीन महीनों के दौरान किसानों ने निर्यात बंदी खत्म होने की कई उम्मीदें कीं लेकिन सरकार ने उसे तोड़ दिया. अब यही अनुमान लगाया जा रहा हैं कि पूरे मार्च महीने में निर्यात पर रोक लगी रहेगी. उसके बाद यह फैसला वापस हो जाएगा. जहां तक दाम की बात करें तो अभी किसानों को न तो बहुत कम दाम मिल रहा है और न ज्यादा. इसलिए फिलहाल दाम को लेकर ज्यादा शोर शराबा नहीं हो रहा और किसान भी मार्च खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में प्याज का दाम अभी न्यूनतम 2 रुपये से लेकर औसतन 10 और अधिकतम 25 रुपये प्रति किलो तक चल रहा है.
महाराष्ट्र प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है. जहां पर देश का लगभग 43 प्रतिशत प्याज पैदा होता है. इसलिए निर्यात बंदी का सबसे ज्यादा विरोध यहीं हो रहा था. प्याज का दाम यहां पर एक राजनीतिक मुद्दा है. किसान इस बार चुनाव में उन लोगों को सबक सिखाने की योजना बना रहे हैं जिनकी वजह से प्याज की खेती में उनका लाखों का नुकसान हुआ है. राज्य में प्याज प्रमुख फसल है इसलिए बड़े पैमाने पर लोगों का घर इसकी खेती से चलता है.
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किसानों का कहना है कि निर्यात बंदी के बावजूद पिछले कुछ दिनों से प्याज का दाम ठीक मिल रहा है. हमें उम्मीद है कि रबी सीजन में सरकार किसानों को डिस्टर्ब नहीं करेगी. अगर करेगी तो किसान प्याज को स्टोर करेंगे. एक्सपोर्ट पर रोक की वजह से पूरा खरीफ सीजन बर्बाद हो गया. दिसंबर में जब खरीफ सीजन का प्याज आना शुरू हुआ था तभी सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगाकर दाम को बुरी तरह से गिरा दिया था.
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