आंध्र प्रदेश में प्याज के भाव में तेजी देखी जा रही है. हाल के दिनों में 25 रुपये किलो बिकने वाला प्याज अब 50 रुपये पर पहुंच गया है. इससे ग्राहकों पर महंगाई की मार पड़ रही है. हाल के दिनों में प्याज के सस्ते होने की खबरें सुर्खियों में आई थीं और किसान इसे फेंकने पर मजबूर हो गए थे. अब मामला उलटा हो गया है. आंध्र प्रदेश में इसके रेट में उछाल देखा जा रहा है. आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में प्याज 50 रुपये किलो बिक रहा है. यहां तक कि आंध्र प्रदेश सरकार के रायतु बाजार में प्याज का भाव 40 रुपये किलो है.
दाम में तेज उछाल के बारे में एक्सपर्ट बताते हैं कि इस बार बारिश में देरी के चलते प्याज की फसल में देरी हुई. यही वजह है भाव में 100 फीसद तक उछाल देखा जा रहा है. मार्केटिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा कि प्याज की पुरानी और नई फसल में भारी अंतर देखा जा रहा है. इसका असर आने वाले दिनों में प्याज की पैदावार पर भी देखा जाएगा.
सामान्य तौर पर अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते में प्याज की नई उपज आ जाती है. आंध्र प्रदेश में प्याज की सप्लाई मुख्य तौर पर कुरनूल और कर्नाटक के बेल्लारी से होती है. यहां तक कि इसी दोनों जगहों से पूरे दक्षिण भारत में प्याज की मांग पूरी की जाती है. अभी आंध्र प्रदेश में प्याज की भारी कमी देखी जा रही है. इसलिए यहां के व्यापारी और यहां तक कि सरकार भी महाराष्ट्र से प्याज मंगा रही है.
ये भी पढ़ें: धान की कटी फसल बारिश से हो गई बर्बाद? बीमा का पैसा पाने के लिए ऐसे करें क्लेम
विशाखापत्तनम के ज्ञानपुरम होलसेल मार्केट के व्यापारी श्रीनिवास राव ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा कि महाराष्ट्र में भी अक्टूबर में नए प्याज की आवक होती है, लेकिन अभी बाजार दशहरा की वजह से बंद है. कुछ दिनों सप्लाई सामान्य होते ही दाम में गिरावट दर्ज की जाएगी. आंध्र प्रदेश में तो अभी हालत ये हो गई है कि दोयम दर्ज के प्याज का भाव भी आसमान पर पहुंच गया है.
एक सब्जी विक्रेता येल्लिना मधु बाबू ने TOI से कहा, विशाखापत्तनम में हर दिन लगभग 200 टन प्याज की आवक होती है. पूरे उत्तरी आंध्र प्रदेश में 600 टन प्याज हर दिन आता है. इस बार प्याज की खेती में 120 दिनों की देरी हुई है क्योंकि बारिश देर से हुई. नवंबर के पहले हफ्ते में प्याज के भाव में कुछ गिरावट हो सकती है क्योंकि नई उपज उस समय तक निकलना शुरू हो जाएगी. येल्लिना मधु ने कहा कि महाराष्ट्र में भी प्याज की एक महीने देरी से बुवाई हुई है. यहां के बड़े व्यापारियों ने पुरानी खेप पहले ही निकाल दी है क्योंकि उस समय दाम अच्छे मिले थे. अब अगली फसल का इंतजार है जो नवंबर में आएगी. नई उपज आते ही प्याज के भाव में गिरावट देखी जाएगी.
ये भी पढ़ें: Rice Export: भारत ने क्यों बैन किया चावल एक्सपोर्ट, केंद्र सरकार ने बताई दो बड़ी वजह?
कुरनूल के होलसेल मार्केट में जुलाई में प्याज के दाम में 500 रुपये प्रति क्विंटल तेजी देखी गई थी और अभी वहीं उछाल 120 परसेंट तक पहुंच गई है. दाम में बढ़ोतरी उपज की क्वालिटी पर निर्भर है, जैसी क्वालिटी वैसी वृद्धि देखी जा रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today