पारंपरिक खेती से हटकर अगर किसान व्यावसायिक खेती करना चाहते हैं और ऐसी फसल उगाना चाहते हैं जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो, तो नेपियर घास उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. आमतौर पर किसान सब्जियों की खेती करते हैं, जो 2-3 महीने में तैयार हो जाती हैं, लेकिन नेपियर घास की खेती से लंबे समय तक लाभ कमाया जा सकता है.
नेपियर घास, जिसे हाथी घास भी कहा जाता है, एक तेजी से बढ़ने वाली घास है. बाजार में इसकी कई किस्में उपलब्ध हैं जैसे हाइब्रिड नेपियर और सुपर नेपियर. इसे ज्यादातर पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे दूध उत्पादन भी बढ़ता है.
नेपियर घास को अक्टूबर से जनवरी के बीच छोड़कर लगभग सभी मौसमों में लगाया जा सकता है. यह घास सूखी जमीन, पानी से भरे खेत और उसर भूमि में भी अच्छी तरह उगती है. इसलिए यह हर तरह की जमीन पर खेती के लिए उपयुक्त है. इसके अलावा इसकी खेती आसान होती है और इसे कम मेहनत में उगाया जा सकता है.
नेपियर घास की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक बार बोने के बाद यह फसल लगभग 5 साल तक उपज देती है. पहली कटाई बोने के 90 दिन बाद की जा सकती है, और उसके बाद हर 45 दिन में घास की कटाई होती रहती है. इससे किसान को लगातार मुनाफा मिलता रहता है.
नेपियर घास का उपयोग दुधारू पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है. इसमें प्रोटीन अधिक होता है, जो पशुओं की सेहत और दूध उत्पादन दोनों के लिए फायदेमंद है. इससे पशुपालन करने वाले किसानों की आमदनी में भी सुधार होता है.
आजमगढ़ में जल्द ही बायोगैस प्लांट शुरू होने वाला है, जिसके लिए नेपियर घास की जरूरत होगी. लगभग 190 हेक्टेयर क्षेत्र में इस घास की खेती करनी होगी, जिसके लिए किसानों से अनुबंध भी किए जाएंगे. ऐसे में आजमगढ़ और आसपास के किसान नेपियर घास की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
नेपियर घास की खेती पारंपरिक फसलों के मुकाबले ज्यादा फायदे वाली है. यह न केवल लंबे समय तक उपज देती है, बल्कि पशुपालकों के लिए भी फायदेमंद चारा उपलब्ध कराती है. खासकर आजमगढ़ जैसे क्षेत्रों में इसकी मांग बढ़ने से किसानों के लिए यह एक सुनहरा मौका है.
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